कोलकाता | कोलकाता फ्लाईओवर हादसे में मरने वालों की संख्या शुक्रवार को बढ़कर 24 हो गई। सेना और आपदा प्रबंधन की टीमें मलबे से शवों व जिंदा लोगों को बचाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं। यहां गुरुवार को निर्माणाधीन विवेकानंद रोड फ्लाईओवर का एक हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा, जिसमें कई लोग और वाहन दब गए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार रात हादसे में 21 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की थी। कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि शुक्रवार सुबह मलबे से दो और शव बरामद हुए और एक व्यक्ति अभी भी दबा हुआ है।
सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल(एनडीआरएफ) के साथ ही अग्निशमन विभाग और पुलिस गुरुवार रात भी बचाव कार्य में जुटी रही और शुक्रवार सुबह भी इसमें लगी रही। पुलिस ने आयुक्त ने कहा, “अब तक 23 शव बरामद हुए हैं, जबकि एक अभी भी मलबे में दबा हुआ है। मृतकों की संख्या अब 24 हो गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि मलबे को पूरी तरह हटाने और इलाके में यातायात सुचारु करने में अभी दो से तीन दिन और लगेंगे। एनडीआरएफ के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उन्हें घटनास्थल को मलबामुक्त बनाने के लिए हाइड्रोलिक जेट की जरूरत है। अधिकारी ने कहा, “यह बहुत ही विशेष प्रकार की देखरेख के तहत होगा। इसके लिए एक हाइड्रोलिक जेट की जरूरत है।”
उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख, गंभीर रूप से घायल होने वालों को दो लाख और मामूली रूप से घायल होने वालों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। उन्होंने इस हादसे की वजह का पता लगाने के लिए दो विशेषज्ञ टीमें भी गठित की हैं। ढाई किलोमीटर लंबा यह फ्लाईओवर ‘जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्युअल मिशन’ के तहत लंबे समय से बन रहा है। उम्मीद थी कि इसके निर्माण से बड़ाबाजार इलाके का जाम दूर हो जाएगा।