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कन्हैया को आलोचना का मौका दिया मोदी ने : शिवसेना

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मुंबई। शिवसेना ने सोमवार को कहा कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए वादे पूरे न होने से न सिर्फ विरोधियों का हौसला बढ़ा है, बल्कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार जैसे मामूली छात्र नेता को भी उनकी आलोचना करने का मौका मिल गया है। शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में कहा है, मोदी ने चुनाव से पहले विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने, प्रतिवर्ष 20 लाख नौकरियां देने, अच्छे दिन लाने सहित कई बड़े-बड़े वादे किए थे।

प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने एक भी वादे की सुध नहीं ली। इन्हें पूरा करने में वह पूरी तरह नाकाम रहे हैं। यही कारण है कि कन्हैया जैसा मामूली छात्र नेता भी मोदी को ओएलएक्स (ऑनलाइन बिक्री वेबसाइट) पर बेचने जैसी बात कर सकता है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया ने मोदी पर आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री पूरी दुनिया की सैर करेंगे, लेकिन सूखाग्रस्त मराठवाड़ा इलाके का दौरा नहीं करेंगे। कन्हैया के इस आरोप का जिक्र करते हुए शिवसेना ने कहा है कि छात्रनेता का सवाल मराठवाड़ा के लोगों के लिए बेहद अहमियत रखता है।

हालांकि शिवसेना ने कन्हैंया द्वारा सरकार की आलोचना करने पर सवाल उठाए और कहा कि पार्टी उनकी आलोचना से सहमत नहीं है। लेकिन भाजपा को भी इस पर गंभीर रूप से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि कन्हैया कुमार जैसे व्यक्ति को आलोचना का मौका देने के लिए कौन जिम्मेदार है। शिवसेना ने कहा है कि मराठवाड़ा के लोगों की पीड़ा को प्रकाश में लाकर कन्हैया ने बढ़िया काम किया है, लेकिन शिवसेना को इस बात पर आश्चर्य है कि इस मुद्दे पर उनके बोलने के पीछे कौन है और कौन उन्हें ऐसा करने को विवश कर रहा है।

शिवसेना ने कहा, उनका गला घोटने से कुछ हासिल नहीं होगा, क्योंकि इससे उनकी आवाज नहीं दब पाएगी। दूसरी ओर, ओवैसी को दबाने के लिए कोई आगे नहीं आया है, जिन्होंने दंभपूर्वक ‘भारत माता की जय’ बोलने से इंकार कर दिया है। क्या रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर में इतनी कूबत है कि वह पाकिस्तान को पठानकोट घटना के लिए सबक सिखा सकें। कन्हैया कुमार पर रविवार को मुंबई हवाईअड्डे पर जेट एयरवेज के एक विमान में कथित हमले के बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने नासिक में एक बैठक कहा था कि कन्हैया को ‘देशद्रोही’ कहना गलत है। उद्धव ने चेताया था कि यदि देश में युवाओं को इस तरह से देशद्रोही करार दिया गया, तो वे देश के लिए काम नहीं कर पाएंगे और भाजपा युवाओं का समर्थन खो देगी।

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