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शिवराज के मंत्री की पुत्रवधू को हक दिलाने खातिर कांग्रेस की ‘न्याय यात्रा’

भोपाल, 29 मार्च (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री रामपाल सिंह की आत्महत्या कर चुकीं पुत्रवधू प्रीति रघुवंशी को इंसाफ दिलाने के लिए विपक्षी कांग्रेस पांच अप्रैल को रायसेन जिले के उदयपुरा से ‘न्याय यात्रा’ निकालेगी, जो छह अप्रैल को भोपाल में खत्म होगी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने यह घोषणा गुरुवार को की। अजय सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध, अत्याचार और अन्याय को रोकने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चाहे कितने ही कानून बना लें, मगर यहां कार्रवाई तो खास और आम के हिसाब से होती है। यही कारण है कि मंत्री रामपाल सिंह, उनके बेटे और परिजनों की प्रताड़ना से तंग आकर प्रीति ने आत्महत्या कर ली, लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिला।

उन्होंने कहा, प्रीति से रामपाल के बेटे विवाह किया था। घटना को 11 दिन हो गए हैं, मगर अब तक मामला भी दर्ज नहीं हुआ है। प्रीति और उसके परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए पांच अप्रैल को प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के साथ ‘न्याय यात्रा’ निकाली जाएगी।

नेता प्रतिपक्ष सिंह ने बताया, इस दो दिवसीय यात्रा के बाद 16 अप्रैल से पूरे प्रदेश में न्याय यात्रा निकाली जाएगी। राष्ट्रीय अपराध अन्वेषण ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े राज्य में महिला अत्याचारों की कहानी बयां करने वाले हैं। मुख्यमंत्री के तमाम दावों के बाद भी 27 मार्च, 2018 को राजधानी भोपाल और ग्वालियर की दो घटनाएं शिवराज सरकार के पाखंड को उजागर करती हैं।

उन्होंने कहा, भोपाल की सूखी सेवनिया निवासी आठवीं कक्षा की छात्रा से सरेआम हुई छेड़छाड़ की घटना के पांच घंटे बाद रिपोर्ट का दर्ज होना और ग्वालियर में दुष्कर्म पीड़िता द्वारा आरोपियों पर कार्रवाई न होने पर इच्छामृत्यु मांगना, पूरी भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री की कथनी और करनी के बीच के अंतर को बताता है।

सिंह ने कहा, विधानसभा में मुख्यमंत्री, प्रीति मामले और महिला अत्याचार मुद्दे पर चर्चा के दौरान उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने परिजनों के प्रति संवेदना के दो शब्द भी व्यक्त करना उचित नहीं समझा। वास्तव में महिला अत्याचार करने वाले अपराधियों को मुख्यमंत्री के खुले संरक्षण के कारण प्रदेश में बेटियों से दुष्कर्म और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं।

अजय सिंह ने आगे कहा, कांग्रेस पार्टी ने प्रीति रघुवंशी के मामले को सदन से लेकर सड़क तक उठाया। हमने राज्यपाल महोदया को भी ज्ञापन दिया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा लगता है कि प्रदेश में अंधा कानून है। भाजपा सरकार ने पिछले 15 साल में अपने मंत्रियों, भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सभी कानूनों से बरी कर दिया है।

सिंह ने मांग की है कि प्रीति रघुवंशी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में मंत्री रामपाल सिंह और उनके बेटे पर एफआईआर दर्ज हो और रामपाल को मंत्रिमंडल से हटाया जाए।

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