National

रामलीला मैदान से मैनचेस्टर यूनाइटेड तक, 67 सीट पाकर उड़ चला आम आदमी, जानिए मुख्यमंत्री के शाही-हवाई खर्चे

नई दिल्ली।   आईआईटी खड़गपुर की दीवारों को कहाँ पता था कि उनके बीच जो लड़का ‘सर जी’, ‘सर जी’ कर रहा है वो एक दिन दिल्ली के तख्त पर बैठेगा। हरियाणा के अरविन्द केजरीवाल की जिंदगी का सफर अब तक बड़ा दिलचस्प रहा है। पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई, फिर इनकम टैक्स विभाग में नौकरी, फिर आन्दोलन, जनता की एक तरफी लोकप्रियता और एक तरफा समर्थन, फिर चुनाव, मुख्यमंत्री की कुर्सी, 49 दिन की सरकार, इस्तीफा, दोबारा चुनाव, विशालकाय जनादेश, एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी और यहीं से शुरू होता है केजरीवाल के पतन का अध्याय।

एक-एक कर के अपने ही लोग गंभीर आरोप लगा कर साथ छोड़ते गये और जनता का विश्वास भी तब डगमगा गया जब पार्टी के ‘विश्वास’ के साथ राज्यसभा के दौरान विश्वास घात हुआ।

अब एक साथ पूरा गांव अगर चोर-चोर चिल्ला रहा है तो साधू तो नहीं ही होंगे। ढूंढते खोजते कुछ दस्तावेज़ हमारे हाथ भी लगे। हमारे पास जो कागज़ हैं वो ‘आम आदमी’ को एक ब्रांड बना चुके केजरीवाल और उनके प्रिय जनों के अब तक की हवाई यात्राओं का ब्यौरा है।

ये ब्यौरा, ये बताने के लिए काफी है कि जनता के पैसों का इस्तेमाल कहाँ हुआ है? जनता देगी टैक्स और आप देंगे ‘ऑड-ईवन’ ऐसे तो नहीं न चलेगा। इन कागजों पर खर्चों की लिस्ट इतनी बड़ी है कि हम इसे दोबारा नहीं लिख रहें है।

आप खुद ही पढ़ लीजिए और हिसाब लगा लीजिये। ये आपके लिए ज़रूरी इसलिए है क्योंकि हो सकता है इसमें कुछ पैसा आपने भी दिया हो। हम आपको आपके पैसे का हिसाब दे रहें हैं।

तस्वीरें खोल कर पढ़ने से पहले कुछ गंभीर और वाजिब सवाल आप के लिए छोड़ कर जाते है। अरविन्द केजरीवाल के पास व्यक्तिगत रूप से कोई विभाग नहीं है और न ही किसी तरह के कामकाज की ज़िम्मेदारी है तो दिल्ली के मुख्यमंत्री विदेश यात्राओं पर क्यों जाते हैं?

जाते भी हैं तो इन यात्राओं से जनता को अब तक क्या मिला? अब वो बात अलग है कि वो भारत से अलग, दूसरे देशों से दिल्ली के व्यक्तिगत सम्बन्ध मजबूत करने जाते हो।

जनता के पैसों का इस तरह इस्तेमाल किया तो क्या दिल्ली की जनता की सारी मूलभूत ज़रूरतें पूरी हैं? नज़र डालते है तस्वीरों के कंटेंट पर।

मुख्यमंत्री केजरीवाल

 मुख्यमंत्री केजरीवाल

मुख्यमंत्री केजरीवाल

=>
=>
loading...
Mohammad Faique
the authorMohammad Faique