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कश्मीर घाटी में तनाव जारी, आम जनजीवन प्रभावित

श्रीनगर, 4 अप्रैल (आईएएनएस)| कश्मीर घाटी में अलगाववादियों द्वारा शोपियां तक विरोध मार्च निकालने के एलान के बाद बुधवार को भारी मात्रा में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इस सबसे सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा है।

अलगाववादियों ने आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में मारे गए नागरिकों के प्रति संवेदना व्यक्त करने और स्थानीय लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए मार्च निकालने का ऐलान किया है।

कश्मीर घाटी में जारी तनाव के बीच ट्रेन सेवाएं लगातार तीसरे दिन बंद रहीं। वहीं, सभी शिक्षण संस्थानों को भी बंद रखा गया है और बुधवार को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।

व्यस्त रहने वाले श्रीनगर-सोनमर्ग रोड पर दूसरे दिन बुधवार को भी परिवहन बंद रहा।

सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासिन मलिक के अगुवाई वाले अलगाववादी संगठन संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने स्थानीय लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए शोपियां तक मार्च निकालने का ऐलान किया है।

प्रशासन ने श्रीनगर और कश्मीर घाटी में अन्य संवेदनशील जगहों पर शांति व कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी मात्रा में सुरक्षा बल तैनात किए हैं।

दक्षिण कश्मीर में रविवार को तीन मुठभेड़ों में 13 आतंकवादियों, तीन जवानों और चार नागरिकों सहित कुल 20 लोग मारे गए थे।

गिलानी और मीरवाइज को विरोध प्रदर्शनों और मार्च में शामिल होने देने से रोकने के लिए घर में नजरबंद रखा गया है, जबकि मलिक को श्रीनगर के केंद्रीय कारागार में बंद किया गया है।

श्रीनगर और कश्मीर घाटी के अन्य प्रमुख शहरों में अधिकांश दुकानें, सार्वजनिक परिवहन और अन्य प्रतिष्ठान बंद पड़े हैं।

हालांकि, श्रीनगर के उपनगरीय और बाहरी इलाकों में निजी परिवहन चल रहे हैं।

इस बीच, कंगन में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 23 वर्षीय युवक को बुधवार तड़के दफना दिया गया।

युवक की मौत के बाद गान्दरबल जिले में पूर्ण बंद के चलते सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ।

गान्दरबल के जिला मजिस्ट्रेट ने युवक की हत्या के संबंध में एक मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है, जबकि पुलिस ने भी घटना के तथ्यों का पता लगाने के लिए विभागीय जांच का आदेश दिया है।

कंगन में मंगलवार को युवक का शव पहुंचते ही संघर्ष भड़क उठा था।

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