प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 नवम्बर, 2016 को आगरा में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) का शुभारंभ किया था। इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) की पुनर्संरचना करके PMAY-G तैयार किया गया है। 2022 तक ‘सबके लिए आवास’ लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए PMAY-G के अंतर्गत 31 दिसंबर, 2018 तक एक करोड़ तथा 2022 तक 2.95 करोड़ पक्के आवासों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इनमें से 60 लाख घरों का निर्माण जून, 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके अंतर्गत आईएवाई के तहत बनने वाले 2 लाख निर्माणाधीन आवास भी शामिल हैं।
ग्रामीण विकास मंत्रालय प्रत्येक घर के निर्माण की भू-टैगिंग तथा संपूर्ण निर्माण प्रक्रिया की निगरानी के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है।
मंत्रालय के ग्रामीण आवास योजना के तहत 2013-14 से 2017-18 तक निर्मित होने वाले आवासों की संख्या (लाख में)
ग्रामीण आवास योजना के प्रदर्शन में तेजी दर्ज की गई है। पिछले 4 वर्षों के दौरान 4 गुणी वृद्धि हुई है। यह वृद्धि तब है जब 20 नवम्बर, 2016 को योजना के लांच होने के बाद से लाभार्थी का निबंधन, भूटैगिंग, खाते की जांच आदि प्रक्रियाओं के पूरा होने में कई महीने लग जाते हैं।
पीएमएवाई-जी के तहत बनाए जाने वाले एक करोड़ आवासों में से 76 लाख लाभार्थियों को आवास आवंटित किये जा चुके हैं तथा लगभग 63 लाख लाभार्थियों ने धनराशि पहली किस्त प्राप्त कर ली है। 2017-18 के दौरान उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक आवासों का निर्माण हुआ है। मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड आदि राज्यों में पीएमएवाई-जी के तहत सबसे अधिक लाभार्थी हैं। इन राज्यों में निर्धारित समयावधि में आवासो के निर्माण होने की संभावना है। अब तक 38.22 लाख पीएमएवाई-जी आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। असम और बिहार में भी आवासों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और हमें आशा है कि जून, 2018 तक 60 लाख तथा दिसंबर, 2018 तक एक करोड़ पीएमएवाई-जी आवासों का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।