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बच्चों से दुष्कर्म के दोषियों के लिए मौत की सजा का कानून बनेगा : मेनका

नई दिल्ली, 13 अप्रैल (आईएएनएस)| केंद्रीय महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म के दोषी करार दिए लोगों के लिए मौत की सजा सुनिश्चित करने के लिए कानून में संशोधन की योजना बना रहा है।

मेनका गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा, मेरी और मंत्रालय की पॉक्सो (बाल यौन अपराध संरक्षण) अधिनियम में संशोधन करने की मंशा है।

यह बयान जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के बाद देशभर में फैली नाराजगी के बाद आया है।

मेनका गांधी ने कहा कि वह कठुआ दुष्कर्म मामले व बच्चियों के साथ दूसरे दुष्कर्म मामलों से अत्यधिक परेशान हैं।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हम (डब्ल्यूसीडी मंत्रालय) संशोधन पर काम कर रहे हैं और एक बार इसे अंतिम रूप दिए जाने के बाद हम इसे कानून मंत्रालय को भेज देंगे। यह जल्द होने जा रहा है।

अधिकारी ने कहा कि चूंकि संसद का सत्र नहीं चल रहा है, इसलिए स्थिति की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बदलावों को लागू करने के लिए सरकार एक अध्यादेश ला सकती है।

राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा जैसे राज्यों ने 12 साल से कम आयु की लड़कियों से दुष्कर्म करने वालों के लिए मौत की सजा के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी है।

पॉक्सो अधिनियम 2012 में लागू हुआ और यह 18 साल से कम आयु वालों के साथ यौन अपराध करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में है।

हालांकि, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अनुसार, यह अधिनियम जम्मू एवं कश्मीर में लागू नहीं हैं और डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने यह नहीं बताया कि नया कानून राज्य पर लागू होगा या नहीं।

कठुआ मामले में आठ लोगों पर रासना गांव की बकरवाल समुदाय की आठ साल की बच्ची से जनवरी में अपहरण, दुष्कर्म व हत्या के आरोप हैं।

जांच में खुलासा हुआ है कि लड़की को पकड़कर एक मंदिर में रखा गया, नशीली दवाएं दी गईं, बार-बार दुष्कर्म किया गया और अंत में हत्या कर दी गई।

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