हर पांच साल पर होने वाले प्रधानी के चुनाव के लिए कई लोग अपना पर्चा भरते हैं, ताकि वो ग्राम पंचायत के प्रधान बन सके। लेकिन उनमे से कोई एक जीतता है और वही प्रधान बनता है। लेकिन अगर आज भी आप किसी भी ग्राम पंचायत में चले जाएं और वहां के लोगों से प्रधान के बारे में पूछें कि वो कैसा काम कर रहा है, तो ज्यादातर लोगों का यही जवाब होगा कि कुछ काम नहीं करता है।
ज्यादा तर लोग प्रधान से नाखुश रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद वो कुछ नहीं कर पाते हैं। इसके बावजूद जबकि उनके पास ये अधिकार होता है कि अगर ग्राम प्रधान ठीक से काम नहीं कर रहा है तो वो जब चाहें उसे हटा सकते हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह होती है कि लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं होती है।
अगर आपका ग्राम प्रधान गाँव के विकास के लिए ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसे हटाने के लिए आपको एक लिखित सूचना जिला पंचायती राज अधिकारी को देनी होती है, जिस पर ग्रामीणों के साथ कम से कम नौ सदस्यों के हस्ताक्षर होने जरूरी होता है। इसके साथ ही उसमें लिखा होना चाहिए कि प्रधान को किस वजह से आप पद से हटाने की मांग कर रहे हैं।
यदि ये सब संभव हो पता है तो 30 दिन के अंदर जिला पंचायत राज अधिकारी ग्राम पंचायत में एक बैठक बुलाता है, जिसकी सूचना सभी लोगों 15 दिन पहले दे दी जाती है। बैठक में ग्रामीणों के साथ-साथ उन सदस्यों की मौजूदगी जरूरी होती है, जिन्होंने हस्ताक्षर किये होते हैं। इसके बाद अगर शिकायत सही पाई जाती है तो कार्रवाई करके प्रधान को पद से हटा दिया जाता है। इसके बाद उस प्रधान के पास जो कार्यकाल बचा होता है उतने कार्यकाल के लिए नए प्रधान का चुनाव होता है।