आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान एक सात सैन्य अभ्यास करने जा रहे हैं। यह अभ्यास शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तहत होगा, जो इस साल सितंबर में रूस में होगा।
इसमें भारत, पाकिस्तान और चीन के साथ संगठन के पांच अन्य सदस्य देश भी शामिल होंगे। एससीओ चीन के वर्चस्व वाला संगठन है, जिसे अब नाटो की बराबरी कर सकने वाली संस्था के तौर पर देखा जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यह अभ्यास रूस के यूराल पर्वत क्षेत्र पर आयोजित किया जाएगा। शांति मिशन के इस अभ्यास का मुख्य मकसद संगठन के देशों के बीच आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाना है।
रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत के इस अभ्यास में भाग लेने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही सैन्य अभ्यास का हिस्सा होंगे। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन में साथ काम किया है। भारत और पाकिस्तान को साल 2005 में इस समूह के पर्यवेक्षकों के तौर पर शामिल किया गया था।