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‘मोनूमेंट मित्र’ के तहत धार्मिक, गैर-धार्मिक भवनों में भेद हो’

पणजी, 5 मई (आईएएनएस)| गोवा में ट्रेवल व टूरिज्म कारोबार से जुड़े एक संगठन ने ‘मोनूमेंट मित्र’ स्कीम के तहत धार्मिक व गैर-धार्मिक भवनों व धरोहरों में भेद करने की सलाह दी है। द ट्रेवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन ऑफ गोवा (टीटीएजी) ने शनिवार को कहा कि कॉरपोरेट द्वारा हैरिटेज स्ट्रक्चर यानी धरोहरों को ग्रहण के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनानी चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में गठबंधन सरकार ने गोवा में औपचारिक रूप से केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ‘मोनूमेंट मित्र’ स्कीम को अमल में लाना शुरू कर दिया है।

टीटीएजी ने कहा कि धरोहरों को संजोने के लिए निजी भागीदारी जरूरी है लेकिन इन धरोहरों को लोगों की पहुंच से परे नहीं किया जाना चाहिए। धरोहरों को अपनाने का मकसद कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व होना चाहिए न कि उससे लाभ कमाना।

इस संबंध में टीटीएजी ने एक प्रस्ताव पारित करते हुए कहा कि सरकार को धार्मिक संस्थानों के संबंध में परामर्श करना चाहिए।

दरअसल, गोवा में 16वीं शताब्दी की धरोहर बेसिलिका बॉम जीजस को एक निजी कंपनी को देने को लेकर पिछले दो दिनों से विवाद उत्पन्न हो गया है। इसी सिलसिले में टीटीएजी ने अपना प्रस्ताव पारित किया है।

बेसिलिका का अत्यंत धार्मिक महत्व है और चर्च के परिसर का हिस्सा होने के कारण इसे येनेस्को ने विश्व के धरोहरों में शामिल किया है। यहां गोवा के संरक्षक संत फ्रैंसिस जेवियर का अवशेष रखा गया है।

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