आप ने जॉली एलएलबी फिल्म देखी है? उसमें दिखाया जाता है कि जज फैंसला सुनाने के लिए देर रात तक कोर्ट को जारी रखता है। लेकिन मैं यहां जिस मामले की बात करने ना रहा हूं वो किसी फिल्म के बारे में नहीं है बल्कि ऐसा हकीकत में हुआ है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एसजे कथावाला ने गर्मी की छुट्टी से पहले लंबित मुकदमों को निपटाने के लिए सुबह साढ़े तीन बजे तक लगातार सुनवाई करके इतिहास रच दिया है। गर्मी की छुट्टियों से पहले अधिकतर जज जहां शाम पांच बजे तक लंबित मामलों और अत्यावश्यक सुनवाई से जुड़े मामलों को निपटाते रहे तो वहीं एक न्यायाधीश ने अपनी अदालत में आधी रात तक सुनवाई की। वह उन मामलों की सुनवाई कर रहे थे जिनमें अत्यावश्यक आधार पर अंतरिम राहत मांगी गई थी।
न्यायमूर्ति शाहरूख जे कथावाला ने खचाखच भरी अदालत में सुबह साढ़े तीन बजे तक सुनवाई की और इस दौरान जिरह सुन याचिकाओं पर आदेश पारित किए। अदालत में जज के रहने तक मौजूद एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि अदालत कक्ष उन वरिष्ठ अधिवक्ताओं, वकीलों और याचिकाकर्ताओं से भरा हुआ था, जिनके मामलों की सुनवाई हो रही थी। उनकी अदालत में करीब 100 से ज्यादा दीवानी याचिकाएं लगी थीं जिनमें अत्यावश्यक आधार पर अंतरिम राहत मांगी गई थी।
यह पहला मौका है जब न्यायमूर्ति कथावाला अदालत में इतनी देर तक बैठे थे। दो हफ्ते पहले भी हालांकि उन्होंने अपने कक्ष में आधी रात तक मामलों की सुनवाई की थी। एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता प्रवीण समदानी ने कहा कि न्यायमूर्ति कथावाला उस समय भी (सुबह साढ़े तीन बजे) इतने ही ताजादम दिख रहे थे जैसा कि सुबह कार्यालय आने पर कोई लगता है। मेरा मामला सबसे अंत में सुने जाने वाले मामलों में शामिल था। तब भी न्यायाधीश ने बेहद धैर्यपूर्वक हमारी बात सुनी और आदेश पारित किया।
न्यायमूर्ति कथावाला अक्सर दूसरे न्यायाधीशों के मुकाबले करीब एक घंटा पहले सुबह 10 बजे अदालती कार्यवाही शुरू कर देते हैं और पांच बजे के बाद भी मामलों की सुनवाई करते रहते हैं। उनके स्टाफ के एक सदस्य ने बताया कि देर तक मामले की सुनवाई करने के बावजूद अगले दिन न्यायाधीश सुबह तय समय पर अपने कक्ष में लंबित मामलों को निबटाने के लिये पहुंच गए।