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PWD घोटाला : AAP की मुश्किलें बढ़ी, केजरीवाल का रिश्‍तेदार हुआ अरेस्‍ट

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम ही नही ले रही है AAP की सरकार पर कंस्ट्रक्शन लेबर फंड में 139 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा है। और अब PWD घोटाले में केजरीवाल के दिवंगत साढ़ू सुरेंद्र कुमार बंसल के बेटे विनय बंसल को भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो ने आज गिरफ्तार किया है।

बंसल की कंपनी रेनू कंस्ट्रक्शन व दो अन्य कंपनियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने मंगलवार शाम केस दर्ज किया था। उनके खिलाफ फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

बता दें कि रोड एंटीकरप्शन आर्गनाइजेशन संस्था व एक पत्रकार ने कई महीने पूर्व सूचना के अधिकार (आरटीआइ) के तहत जानकारी जुटाकर आइपी एस्टेट थाने में शिकायत की थी। दिवंगत सुरेंद्र बंसल पर आरोप है कि उन्होंने केजरीवाल की मदद से 10 करोड़ रुपये का PWD का ठेका मिला था।

IP एस्टेट थाना पुलिस ने मामले को आर्थिक अपराध शाखा में भेज दिया था। वहां भी केस दर्ज न करने पर शिकायतकर्ता ने तीस हजारी कोर्ट में अर्जी दायर कर मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की थी। अदालत ने सोमवार को मामले को एसीबी में भेजकर जांच करने को कहा था।

लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2015 में शनि मंदिर से बकौली गांव तक नाले के निर्माण कार्य के लिए निविदा आवंटित की थी। यह काम सुरेंद्र कुमार बंसल की कंपनी रेनू कंस्ट्रक्शन को दिया गया। दिवंगत सुरेंद्र बंसल अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता की बड़ी बहन शकुन के पति थे। लोक निर्माण विभाग ने उक्त कार्य की अनुमानित लागत 4,90,36,843 निर्धारित की थी। उक्त कंपनी ने बिलों में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का गबन किया। फर्जीवाड़े में पीडब्ल्यूडी के भी अधिकारी शामिल हैं।

आप को बता दे इससे पहले पिछले तीन साल से दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर कंस्ट्रक्शन लेबर फंड में 139 करोड़ के घोटाले का आरोप लगा है। शिकायत में कहा गया है कि सरकार के श्रम मंत्रालय ने कई कामकाजी लोगों का भी अवैध तरीके से दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण करा दिया, जबकि किसी भी कंपनी में काम करने वालों व चालक आदि की नौकरी करने वालों का वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण नहीं कराया जा सकता है।  

 दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड

2002 में दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड का गठन किया गया था। बोर्ड के गठन का उद्देश्य यह था कि उसमें ऐसे नए लोगों का पंजीकरण किया जाए जो कहीं काम न कर रहे हों।

कंस्ट्रक्शन या अन्य साइटों पर काम करने वाले मजदूरों का बोर्ड में पंजीकरण करने का प्रावधान है। साथ ही पंजीकरण के बाद 17 तरह की सुविधाएं देने का प्रावधान दिल्ली लेबर वेलफेयर बोर्ड में पंजीकरण होने पर सरकार की तरफ से मजदूरों को 17 तरह की सुविधाएं दी जाती हैं। बच्चों की पढ़ाई, मजदूरों की पत्नी व महिला कर्मियों के गर्भवती होने पर मातृत्व मद व शादी आदि में पैसे दिए जाते हैं। मजदूरों को काफी सुविधाएं दी जाती है।

 

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