उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड का एक चेहरा यह है कि यहां के किसानों की हालत बहुत खराब है, क्योंकि यहां पर ज्यादातर सूखे के हालात रहते हैं। इसके चलते बहुत से लोग नौकरी या दूसरे काम की तलाश में यहां से पलायन कर जाते हैं। नहीं यहां की दूसरी तस्वीर यह है कि किसान भले ही कर्ज और मर्ज का दंश झेल रहे हों, मगर बेटियों के लिए सब कुछ न्यौछावर करने का जज्बा उनमें अब भी कायम है।
झांसी जिले के मैरी गांव के एक किसान दंपति ने रविवार को अपनी बेटी की विदाई हेलीकॉप्टर से कर यह साबित भी कर दिया। झांसी जिले के मैरी गांव के किसान राकेश यादव ने बताया कि उसकी लाड़ली बेटी ने हेलीकॉप्टर से अपनी विदाई की इच्छा जाहिर की थी, जिसे पूरा कर दिया गया है।
राकेश यादव के तीन बेटियां और एक बेटा है, दो बेटियों की शादी उसने पहले ही कर दी थी। सबसे छोटी बेटी सुधा का विवाह पालर गांव के अजय के साथ की और बेटी की इच्छानुसार रविवार को उसकी विदाई हेलीकॉप्टर से की है।
दूल्हन बनी बुंदेली बेटी से जब इस बारे में पूछा गया तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। उसने कहा, हेलीकॉप्टर से विदाई मेरा एक सपना था, जिसे मम्मी-पापा और भाई ने पूरा कर दिया। अब मैं जिंदगी भर मम्मी-पाप से कुछ नहीं मांगूंगी।