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अकेलापन और अवसाद का कारण है खराब स्‍वास्‍थ्‍य

अवसाद और अकेलापन, खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, अकेलापन के पीछे जेनेटिक कारणaloneness
अवसाद और अकेलापन, खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, अकेलापन के पीछे जेनेटिक कारण
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अकेलापन महसूस करने के जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं

नई दिल्ली। आज कल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में अक्‍सर लोगों को अवसाद और अकेलापन घेरे रहता है। हालांकि लोग इसे जीवनशैली से जोड़कर देखते हैं लेकिन एक नई रिसर्च में सामने आया है कि इसके पीछे खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से होता है। करीब 10,000 लोगों पर की गई इस रिसर्च में सामने आया है कि अकेलापन महसूस करने के पीछे जेनेटिक कारण भी मौजूद हैं।

साइंस जर्नल ‘जर्नल न्यूरोसाइकोफार्माकोलाजी’ में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, अकेलापन का आनुवांशिक खतरा तंत्रिका रोग से जुड़ा होता है। लंबे समय तक नकारात्मक भावनाओं की वजह से और अवसाद के लक्षणों से इसका संबंध है। अमेरिका के सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर, प्रमुख शोधकर्ता अब्राहम पालमर ने कहा, ‘‘दो लोगों के एक समान संख्या में करीबी दोस्तों और परिवार में एक के लिए सामाजिक संरचना सही दिखती है जबकि दूसरे के लिए नहीं।’’

पालमर ने कहा, ‘‘हमारा मतलब है ‘अकेलेपन की आनुवांशिक गड़बड़ी से है।’ हम जानना चाहते हैं कि क्यों, समान हालात में आनुवांशिक रूप से एक जैसा आदमी दूसरे से ज्यादा अकेला महसूस करता है?’’ अपने नवीनतम शोध में पालमर और उनके दल ने 10,760 लोगों के आनुवांशिक और स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों का अध्ययन किया। इन लोगों की आयु 50 या इससे ज्यादा रही।

शोधकर्ताओं ने पाया कि अकेलापन इनके पूरे जीवन काल में रहा। यह कभी-कभी परिस्थितियों की वजह से और 14 से 27 प्रतिशत एक आनुवांशिक वजह से भी रही। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि अकेलापन तंत्रिका रोग और अवसाद वाले लक्षणों के साथ अगली पीढ़ी में चला जाता है। अध्ययन में कहा गया है कि हालांकि अकेलापन महसूस करना आंशिक तौर पर आनुवांशिक है, लेकिन इसमें आसपास का वातावरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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