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कैबिनेट ने एचआईवी, एड्स विधेयक में संशोधनों को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल, एचआईवी और एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक 2014, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीcentral cabinet meeting today
केंद्रीय मंत्रिमंडल, एचआईवी और एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक 2014, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
central cabinet meeting today

नई दिल्ली| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एचआईवी और एड्स (रोकथाम और नियंत्रण) विधेयक, 2014 के संशोधनों को मंजूरी दे दी। एचआईवी से पीड़ित लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए इसका मसौदा तैयार किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की एक बैठक में यह मंजूरी दी गई।

विधेयक के प्रावधानों में एचआईवी संबंधी भेदभाव से निपटना, कानूनी जवाबदेही के जरिए मौजूदा कार्यक्रमों को मजबूत बनाना और शिकायतों की जांच और शिकायतों के निवारण के लिए औपचारिक तंत्र स्थापित करना शामिल है।

प्रस्तावित कानून का लक्ष्य एचआईवी और एड्स के प्रसार को रोकना और नियंत्रित करना, प्रभावित लोगों के खिलाफ भेदभाव रोकना, उनके इलाज से संबंधित सूचित सहमति और गोपनीयता प्रदान करना, एचआईवी से पीड़ित व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रतिष्ठानों को जवाबदेह बनाना और शिकायतों के निवारण के लिए तंत्र विकसित करना है।

यह रोजगार स्थलों, शैक्षिक संस्थानों, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, आवासीय या किराए की संपत्ति और अन्य आधारों को सूचीबद्ध करता है, जिन पर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों और उनके साथ रहने वाले लोगों के खिलाफ भेदभाव प्रतिबंधित है।

प्रस्तावित कानून में कानून के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों की जांच के लिए और गैर अनुपालन की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई के लिए राज्य सरकारों द्वारा एक लोकपाल की नियुक्ति का भी प्रावधान है। विधेयक के अनुसार “किसी भी व्यक्ति को अपनी सहमति और अदालती आदेश के अलावा खुद को एचआईवी होने का खुलासा करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।” आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत में करीब 21 लाख लोग एचआईवी पीड़ित हैं।

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