अमेरिका की वीकली मैगजीन टाइम जो दुनियाभर एक प्रतिष्ठित मैगजीन जो अपने अलहदा अंदाज के कवर फोटो के लिए भी जानी जाती है। हाल में टाइम का एक अगला कवर फोटो लगातार लोगो में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस तस्वीर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एक रोती हुई बच्ची आमने-सामने नजर आ रहे हैं।
आपको बता दे कि ट्रंप की एक नीति के तहत उनका प्रशासन गैरकानूनी रुप से अमेरिका में प्रवेश करने वालों को तुरंत गिरफ्तार कर उन पर सख्त कार्रवाई करता है। इसके चलते बीते डेढ़ महीने में करीब दो हजार से ज्यादा बच्चों को उनके परिवारों से अलग कर दिया गया था. हालांकि अमेरिका सहित दुनियाभर में इसका विरोध होने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने नीति में बदलाव करने की बात कही है, लेकिन तब तक उनकी छवि को जो नुकसान पहुंचना था, वह पहुंच चुका है।इसकी एक बड़ी वजह इस बच्ची की तस्वीर भी है जिसे फोटो एडिटिंग के जरिये टाइम के कवर पर डोनाल्ड ट्रंप के सामने खड़ा कर दिया गया है. इस बच्ची और उसकी तस्वीर की कहानी इसे खींचने वाले फोटोग्राफर जॉन मूरे ने टाइम को दिए एक वीडियो इंटरव्यू में बताई है।
लेकिन इस बच्ची की कहानी कुछ अलग हैं इस बारे में जॉन मूरे पुलित्जर पुरस्कार विजेता फोटोग्राफर जो अमेरिका-मैक्सिको बॉर्डर से गुजरने वाले प्रवासियों-शरणार्थियों की तस्वीरें खींच रहे थे तभी उनकी इस फोटोग्राफी में इस बच्ची की भी तस्वीर आ गयी। जॉन मूरे कहते हैं कि 20-25 महिलाओं के इस झुंड में उन्होंने इस बच्ची को देखा जो अपनी मां से चिपकी हुई थी और उसकी गोद से बिलकुल भी उतरना नहीं चाहती थी।
जॉन मूरे कहते हैं जब बच्ची को मां ले अलग किया जा रहा था तो वह बहुत जोर-जोर से रो रही थी और इसी दौरान उन्होंने उसकी कुछ तस्वीरें खींचीं। बाद में इस परिवार का क्या हुआ उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि सोशल मीडिया पर टाइम की कवर फोटो वायरल होने के बाद आई कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बॉर्डर सिक्योरिटी स्टाफ के हवाले से जानकारी दी गई कि उस दिन बच्ची को उसकी मां से अलग नहीं किया गया था।
टाइम के कवर फोटो में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि ट्रंप इस नन्ही सी बच्ची को देख रहे हैं और बच्ची उन्हें ऐसा करते देखकर जार-जार रो रही है। इस तरह यह एडिटेड फोटो ट्रंप पर अब तक का सबसे तीखा तंज बन गई है। यह फोटो टाइम के दो जुलाई, 2018 वाले संस्करण के कवर पर प्रकाशित होगी।