सूरत। MBBS टॉपर रहीं हिना हिंगड सांसारिक जीवन त्यागते हुए जैन साध्वी बन गई हैं। बुधवार को हिना ने सूरत में पूरे विधि और जैन परंपरा के अनुसार दीक्षा ग्रहण की। उनका दीक्षा कार्यक्रम बुधवार सुबह से शुरू होकर दोपहर के बाद संपन्न हुआ। जैन परंपरा से दीक्षा लेने के बाद हिना हिंगड़ की पहचान अब साध्वी श्री विशारदमाल हो गई। 28 साल की हिना अरबपति परिवार से ताल्लुक रखती हैं।
हीरा नगरी के रूप में प्रसिद्ध सूरत में हिना ने आध्यात्मिक गुरु आचार्य विजय यशोवर्मा सुरेश्वरजी महाराज से दीक्षा ली। दीक्षा ग्रहण का कार्यक्रम सूरत में सुबह शुरू हुआ, जो दोपहर तक चला। इस दौरान उन्होंने सांसारिक सुखों के त्याग के रूप में अपने केश दान किए और श्वेत वस्त्र धारण किया।
हिना एक समृद्ध परिवार से ताल्लुक रखती हैं इसलिए उनके परिवार को उनका फैसला मंजूर नहीं था। वह पिछले 12 सालों से अपने माता पिता और परिवार के दूसरे सदस्यों को दीक्षा लेने के लिए मना रही थीं। हिना का मानना है कि सांसारिक जीवन छोड़कर जैन भिक्षु बन जाना हर किसी के बस की बात नहीं है।
हिना ने दीक्षा के लिए जरूरी 48 दिनों का ध्यान गुजरात के पालिताणा में किया। आचार्य ने बताया कि हिना ने अपने पिछले जन्म में किए गए ध्यान और श्रद्धा की वजह से भिक्षु बनने का रास्ता अपनाया है।