भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को बीसीसीआई द्वारा नजरअंदाज करने की खबरें आ रही हैं। बता दें गांगुली टेक्निकल कमिटी के अध्यक्ष हैं, और ये कमेटी घरेलू कैलेंडर फाइनल करती है। लेकिन जब कैलेंडर फाइनल हो रहें थे तो उनको इसमें शामिल नहीं किया गया। जो सीधे बीसीसीआई पर सवाल उठाता हुआ नजर आता हैं।
कुछ दिनों पहले ही बीसीसीआई ने जारी किया था कैलेंडर
बता दें, कुछ दिनों पहले ही बीसीसीआई ने 2018-19 के लिए अपना घरेलू कैलेंडर जारी किया था। यह भारतीय क्रिकेट का अब तक का सबसे बड़ा कलैंडर है। इसमें महिला और पुरुष सभी को मिलाकर 2,017 मैच खेले जाएंगे। इसकी शुरुआत 13 अगस्त को महिला चैलेंजर ट्रॉफी से होगी।
रणजी ट्रॉफी में शामिल होगी 9 नई टीमें
अबकी बार इस टूर्नामेंट में 9 नई टीमें शामिल की गयी हैं। इसमें पूर्व-उत्तर की 6 राज्य शामिल हैं। जिनमें अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम हैं। इसके अलावा बिहार, उत्तरखंड और पुडुचेरी को भी इस बार रणजी ट्रॉफी में शामिल किया गया है। बता दें, ऐसा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया गया हैं।
सौरव गांगुली की टेक्निकल कमिटी नहीं चाहती थी नई टीमें
बताया जा रहा है कि सौरव गांगुली की टेक्निकल कमिटी चाहती थी कि नए शामिल किए गए सभी टीमें पहले एज ग्रुप वाले टूर्नामेंट में हिस्सा ले और उसके बाद उन्हें रणजी ट्रॉफी में मौका मिले। इससे पहले पिछली बार शामिल हुयी छत्तीसगढ़ की टीम को भी पहले एज ग्रुप वाले टूर्नामेंट खेलने पड़े थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहती थी बीसीसीआई
बीसीसीआई इस बार ऐसा नहीं चाहती थी क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था, कि सभी राज्यों को एक समान अधिकार मिलना चाहिए। इसके लिए दादा की अध्यक्षता वाली कमिटी तैयार नहीं थी। इसी वजह से उन्हें नजरअंदाज करते हुए बीसीसीआई ने नया घरेलू कैलेंडर जारी कर दिया।