नई दिल्ली। रोहिंग्या मुसलमानो की चर्चा अभी थोड़ी कम ही हुई थी, कि अब देश के सामने एक नई चुनौती आ गई हैं। सोमवार को मानसून सत्र के दौरान सदन में नेशनल रजिस्टर सिटीजन ऑफ़ इंडिया (एनआरसी) का मामला खूब गरमाया जिसके बाद सदन की कारवाई स्थगित करनी पड़ी।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजन (एनआरसी) का आखिरी ड्राफ्ट जारी किया गया है। इसमें 40 लाख लोगों के सिर पर देश से बाहर होने खतरा मंडरा रहा हैं। सरकार के सामने बहुत बड़ी चुनौती है कि कैसे इतनी बड़ी जनसंख्या से निपटेगी और अवैध बताए गए लोगों का क्या होगा? बता दें कि अगर असम के 40 लाख लोग देश के नागरिक नहीं माने गए तो यह पूरी दुनिया की सबसे बड़ी आबादी होगी जिसके पास किसी भी देश की नागरिकता नहीं होगी।
सबसे ज्यादा स्टेटलेस हैं रोहिंग्या मुसलमान
फिलहाल पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान ऐसे हैं जिनके पास किसी भी देश की नागरिकता नहीं है। यही नहीं, रोहिंग्याओं के अलावा थाईलैंड में 7 लाख, सीरिया में 3.6 लाख, लातविया में 2.6 लाख लोगों के पास किसी भी देश की नागरिकता नहीं हैं।
क्या कहती है यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट?
अगर यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट की माने तो दुनिया में एक करोड़ लोग ऐसे हैं, जो किसी देश के नागरिक नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है यदि असम से 40 लाख लोग बाहर निकाले गए तो वो कहां जाएंगे? इस फ़ैसले के बाद लोगो के बीच डर का माहौल है। असम के 33 जिलों में तनाव की वजह से धारा 144 लागू कर दी है। जिसके मद्देनजर 22 हजार जवान तैनात किये गए हैं।