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भारतीय फुटवेयर बाजार बड़े पैमाने पर असंगठित : डिजायनर ज्योति नरूला

नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)| फुटवेयर बाजार का केवल एक तिहाई हिस्सा संगठित है, जबकि बाकी का व्यापार असंगठित है। जोई शू ब्रांड की डिजायनर ज्योति नरूला का यह कहना है। उन्होंने कहा कि लोगों की खर्च योग्य आय में बढ़ोतरी और वैश्विक फैशन में बदलाव उद्योग के विकास में योगदान दे रहा है।

नरूला ने आईएएनएल को ई-मेल से दिए साक्षात्कार में कहा, कई सालों से भारतीय पुरुषों का फुटवेयर बाजार का विकास तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और समृद्ध गाहकों की संख्या बढ़ने से हुआ है।

उन्होंने कहा, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा फुटवेयर उत्पादक देश है। इस बाजार में फिलहाल जोरदार तेजी देखी जा रही है, जिसके आने वाले सालों में और तेजी से बढ़ने की संभावना है। लेकिन इस तथ्य पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि भारतीय फुटवेयर बाजार का बड़ा हिस्सा अभी भी असंगठित है।

उन्होंने आगे कहा, संगठित खंड बाजार का केवल एक तिहाई है, जबकि बाकी असंगठित है। यहां पुरुषों के फुटवेयर बाजार में सीमित अवसर हैं।

उन्होंने हालांकि कहा कि आज के पुरुषों को वैश्विक फैशन के चलन में बखूबी पता है और वे ऐसे उत्पाद के ऊपर पैसा खर्च करने से पहले दूसरी बार नहीं सोचते, जो उन्हें आराम और गुणवत्ता दोनों प्रदान करता है।

नरूला को 30 सालों का अनुभव है, जिसमें 24 साल उन्होंने केवल फैशन उद्योग के लिए काम किया है। वे जेनेसिस कलर्स की सह-संस्थापक हैं तथा देश के प्रमुख वुमेंसवेयर ब्रांड सत्या पॉल की प्रबंध निदेशक हैं।

उन्होंने यहां डीएसएफ प्रोमेनेड में एक अलग स्टोर जोई शू खोला है, जहां पुरुषों के लक्जरी फुटवेयर और एक्ससेरीज की बिक्री होती है।

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