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दिल्ली : मुख्य सचिव ‘पिटाई’ मामले में आरोपपत्र दाखिल, केजरीवाल का भी नाम

नई दिल्ली, 13 अगस्त (आईएएनएस)| दिल्ली पुलिस ने मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की फरवरी में कथित तौर पर पिटाई के मामले में सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व आम आदमी पार्टी (आप) के 11 अन्य विधायकों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।

आरोपपत्र पटियाला हाउस कोर्ट में अंशु प्रकाश की शिकायत की जांच के आधार पर दाखिल किया गया है। इसमें विधायक अमानतउल्ला खान, प्रकाश जारवाल, नीतिन त्यागी, ऋतुराज गोविंद, संजीव झा, अजय दत्त, राजेश ऋषि, राजेश गुप्ता, मदन लाल, परवीन कुमार व दिनेश मोहनिया के भी नाम हैं।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, अंशु प्रकाश की शिकायत पर 20 फरवरी को मामला दर्ज किया गया था। जांच पूरी होने व रिकॉर्ड के लिए साक्ष्य जुटाए जाने के बाद अब अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

मुख्य सचिव ने आरोप लगाया था कि उन्हें 19 फरवरी की रात मुख्यमंत्री के आवास पर केजरीवाल की मौजूदगी में आप विधायकों द्वारा पीटा गया था। उन्हें मुख्यमंत्री आवास पर देर रात बैठक के लिए बुलाया गया था।

दिल्ली सरकार के मंत्रियों गोपाल राय, सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत, राजेंद्र पाल गौतम व इमरान हुसैन ने एक संयुक्त बयान में आरोपपत्र को ‘फर्जी’ व ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया।

मंत्रियों ने आरोपपत्र को मनगढ़ंत व झूठे आरोपों पर आधारित बताया।

उन्होंने कहा, इसे राजनीति से प्रेरित होकर दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल किया गया है।

बयान में कहा गया, यह भारतीय चुनावी इतिहास में सबसे बड़े जनादेश के साथ चुनकर आई दिल्ली सरकार को लगातार परेशान किए जाने और उसके खिलाफ की जाने वाली साजिशों का सबसे ताजा उदाहरण है।

मंत्रियों ने यह भी कहा कि फरवरी 2015 में अपने राजनीतिक जीवन में मिली सबसे करारी हार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार को माफ नहीं किया है।

बयान में कहा गया, उन्होंने पूरी तरह से बदला लेने के लिए सारी एजेंसियों को अपनी पूरी ताकत से आप सरकार को कुचलने के लिए छोड़ दिया है।

उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने बीते साढ़े तीन सालों में अपने आप विधायकों पर झूठे मामले दर्ज करने के मामलों से कोई सबक नहीं सीखा है।

बयान में कहा गया, अब ये बात दस्तावेजों में है कि दिल्ली की विभिन्न फास्ट ट्रैक अदालतों ने पिछले पांच महीनों के दौरान 22 में से 19 मामलों में चुने हुए विधायकों को बरी/दोषमुक्त कर दिया है। ये मुकदमे विधायकों पर फरवरी 2015 के बाद से लगाए गए थे।

उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार को शक्तिहीन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

मंत्रियों ने कहा कि ‘हालिया भयावह साजिश भाजपा की केंद्र सरकार के पसंदीदा नौकरशाह द्वारा पूरी तरह से झूठे मामले में मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए रची गई है।’

बयान में कहा गया, मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का नाम एक फर्जी और हास्यास्पद आपराधिक मामले में डालने की साजिश मोदी सरकार की अत्यधिक हताशा का नतीजा है। ऐतिहासिक जनादेश के साथ सत्ता में आई एक सरकार को हटाने के मोदी सरकार के अब तक सारे प्रयास विफल रहे हैं।

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