लखनऊ। आने वाली 26 अगस्त को रक्षाबंधन है। इस त्यौहार को देखते हुए बाज़ारों में दुकानें सज गई हैं। दुकानों पर तरह-तरह की राखियां बिक रही हैं। सोने-चांदी की राखियां, कार्टून वाले राखियां व राजनीतिक राखियां भी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं, लेकिन इन सबके बीच सबसे जरुरी बात यह है कि जो राखी आप अपने भाई की कलाई पर बांध रही हैं वह उसके लिए शुभ है या नहीं। दरअसल, रकहि में कुछ ऐसे तत्त्व हैं जिनका होना बहुत जरुरी है अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो राखी आपके भाई के लिए रक्षासूत्र साबित नहीं होगी।
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, राखी के कुछ मुख्य अवयव हैं। राखी को सही अर्थों में रक्षासूत्र बनाने के लिए उसमें केसर, अक्षत, सरसों के दाने, दूर्वा और चंदन को रेशम के कपडे में बांध लें या रेशम के धागे में पिरों अथवा चिपका लें।
राखी में केसर ओज़ और तेज वृद्धि का, अक्षत स्वस्थ्य रहने की कामना का, सरसों के दाने भाई के बल के विकास का, दूर्वा सद्गुणों में वृद्धि का, और चंदन भाई के जीवन में सुगंध और शीतलता में वृद्धि का कारक माना जाता है। धार्मिक आस्था है कि इन प्राकृतिक अवयवों से भाई को खूब तरक्की मिलती है।