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ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई थी बीआरडी अस्पताल में बच्चो की मौत: सीएम योगी

लखनऊ: आज से लगभग एक साल पहले गोरखपुर का बीआरडी अस्पताल बच्चो के लिए कब्रगाह बन गया था। 60 बच्चों की ऑक्सीजन की कमी की वजह से मौत हो गई थी।

अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उस घटना पर बयान आया है उनका कहना है कि यह घटना आंतरिक राजनीति की वजह से बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई। जिसके बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने उनपर हमला करते हुए कहा कि इसे अपनी नाकामियों को छुपाने वाला बताया है।

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एक अभियान के शुभारंभ पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शुरुआत मे जब मैंने बच्चों की मौत के बारे में सुना था तो मुझे एक घटना की याद आ गई।

जिसमें एक पत्रकार ने झूठी खबर लिखी थी कि अस्पताल के कर्मचारी उसे वार्ड में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल जब मैंने इस घटना के बारे में सुना तो मुझे लगा कि यह वैसी ही कोई चीज हुई है।

लेकिन जब मैंने देखा कि सारे न्यूज चैनल और मीडिया ने इसे मुद्दा बना दिया है तो मैंने महानिदेशक (स्वास्थ्य) को गोरखपुर भेजकर रिपोर्ट मांगी। मैंने अपने स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री को वहां भेजा और उनसे रिपोर्ट जमा कराने को कहा।’

उन्होंने आगे कहा कि केवल इतना ही नहीं अगले दिन मैंने खुद अस्पताल जाने का फैसला किया। ‘मैंने वहां मौजूद लोगों से मामला पूछा और मुझे बताया गया कि ऐसा कुछ नहीं है।

यदि मौतें ऑक्सीजन की कमी की वजह से होती तो सबसे पहले मरने वाले बच्चे वह होते जो वेंटिलेटर पर थे। मैंने कहा कि वहां निश्चित तौर पर कुछ हो रहा है। यह आंकड़े कहां से आ रहे हैं? इसके बाद पता चला कि यह आंतरिक राजनीति है।’

योगी ने कहा कि घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर मरीजों को परेशान नहीं देख पा रहे थे क्योंकि यह मुद्दा बन सकता था। हमने उन्हें सलाह दी कि आप अपना काम कीजिए और किसी चीज को लेकर चिंतित मत रहिए।

उन्होंने डॉक्टर्स से कहा, ‘यदि आपका उद्देश्य साफ होता है तो आपको कोई चीज परेशान नहीं कर सकती है।’कांग्रेस के राज्यसभा सासंद पीएल पूनिया ने दावा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का बयान अपनी असफलताओं को छुपाने की एक कोशिश है।

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए नए बहाने ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। उनका बयान कि मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी हंसने लायक है खासतौर से तब जब उनकी सरकार ने मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन देने वाली कंपनी के मालिक को गिरफ्तार किया है।’बता दें कि पिछले साल अगस्त में लगभग 60 बच्चे जिसमें ज्यादातर नवजात थे उनकी मौत हो गई थी।

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Manish Srivastava