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जिलाधिकारी का पद छोड़ भाजपा में शामिल होंगे ओपी चौधरी, 23 साल की उम्र में बने थे IAS

रायपुर। 2005 बैच के IAS अफसर और रायपुर कलेक्टर ओम प्रकाश चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि वो जल्द ही भाजपा ज्वाइन कर आगामी विधानसभा चुनाव में रायगढ़ के खरसिया सीट से अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के उमेश पटेल से होगा। उमेश पटेल राज्य के पूर्व गृहमंत्री नंदकुमार पटेल के बेटे हैं। छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। बताया जा रहा है कि ओपी चौधरी इसी हफ्ते दिल्ली या रायपुर में बीजेपी के बड़े नेताओं की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामेंगे।

ओपी चौधरी के पिता का नाम दीनानाथ चौधरी है वो एक शिक्षक थे। ओपी चौधरी ने महज 23 साल की उम्र में आईएएस बनकर सभी को चौंका दिया था। 23 साल की उम्र में आईएएस अधिकारी बनने और इतनी बड़ी सफलता के बावजूद वो हमेशा अपनी जमीन से जुड़े रहते हैं। इस संबंध में जब उनसे पूछा गया था तो उन्होंने कहा, ‘जैसे ही आप बड़े ओहदे पर आते हैं, आपकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। ऐसे में आपकी परवरिश और संस्कार ही आपको जमीनी हकीकत से जोड़े रखती है। आज जमीनी हकीकत के जितने नजदीक होते हैं, उतने ही उसपर खरे उतरते हैं।’

गांव से ही 12वी तक पढ़ने के बाद ओपी ने भिलाई के एक कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन की पढाई करते वक़्त ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की, और पहले ही प्रयास में सेलेक्ट हो गए। ओपी चौधरी की पहली पोस्टिंग असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में 2006 में कोरबा में हुई। उसके बाद 2007 में उन्हें रायपुर में एसडीओ बनाया गया।

2007 में उन्हें जांजगीर जिला पंचायत का सीईओ बनाया गया। साल 2011 में उन्हें नक्सल प्रभावित जिला दंतेवाड़ा में कलेक्टर के तौर पर पदस्थ किया गया। दंतेवाड़ा कलेक्टर के पद पर रहते हुए उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को विज्ञान की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। इस परियोजना में दंतेवाड़ा के विभिन्न हिस्सों के छात्रों को जिला मुख्यालय में लाया गया था और कोचिंग क्लास चलाया गया। दंतेवाड़ा के बच्चों को एग्जाम, इंटरव्यू, पर्सनालिटी डेवलपमेंट के बारे में ट्रेनिंग दिया गया।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH