लखनऊ: देवरिया सेल्टर होम मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्यों न जिला जज को तीन जजों की कमेटी गठित करने का आदेश दिया जाय। बता दें विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सहित तीन सदस्यों की कमेटी अपने जिले के सभी सेल्टर होमों का माह में एक बार निरीक्षण कर हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौपेंगी।
सभी सेल्टर होमों में लगे गी सीसीटीवी कैमरा
सभी सेल्टर होमों में सीसीटीवी लगने के भी आदेश दिए गए हैं। प्राइवेट संस्थाएं अपने खर्चे पर सीसीटीवी लगाये। कैमरे,सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश न मानने पर उनका लाइसेंस रद्द होगा।
कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से सरकार के रुख की जानकारी मांगी है।
एन जी ओ के तीन सदस्यों ने दी कोर्ट में सफाई दी है कि पीड़िताओं से न मिलने के कोर्ट के आदेश की जानकारी उनको नहीं थी। सेल्टर होम के कर्मचारियो ने भी लड़कियों से मिलने से नहीं रोका, डी एम और जिला प्रशासन अधिकारी ने सुरक्षा लापरवाही को लेकर स्पष्टीकरण दिया, बता दें, 5 सितम्बर को इस मामले की अगली सुनवाई होनी है,एन जी ओ के तीनों सदस्यों को अगली तिथि पर हाजिर रहने का निर्देश दिया गया है। चीफ जस्टिस डी बी भोसले की अध्ययक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।