लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थानों में शुमार लखनऊ के केजीएमयू में रेसिडेंट्स डॉक्टरों के हड़ताल के बाद मंगलवार को मरीजों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इस हड़ताल से हजारों मरीजों की जान खतरे में आ गई। दूसरी तरफ ऑपरेशन थिएटर में भी काम ठप रहा जिसकी वजह से मरीजों के ऑपरेशन नही हो सके। हालांकि बाद में बातचीत के बाद डॉक्टर काम पर लौट आए। पर इतनी देर में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई।
क्या है मामला?
गौरतलब है कि, केजीएमयू के रेजिडेंट डॉक्टर पीजीआई के समान वेतन व भत्ते की मांग काफी समय से करते रहे हैं। अपनी इन्हीं मांगो को लेकर जूनियर डॉक्टर मंगलवार को हड़ताल पर गए थे। जिसकी वजह से किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के अंदर चिकित्सकीय सेवाएं पूरी तरह से बाधित रहीं।
केजीएमयू रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार सरोज ने बताया कि ढाई साल से पीजीआई की तर्ज पर वेतन की मांग की जा रही है।
इसके लिए तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव और वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ तक भी बात पहुंचाई गई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव के साथ बैठक हुई, जिसमें उन्होंने हमारी मांगें स्वीकार कर ली थीं।
इस संबंध में वित्त सचिव को निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन इसके बाद बढ़े वेतन के बारे में कोई आदेश जारी नहीं हुआ है।
यही नहीं लोगों को टेस्ट कराने के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मुख्य पैथोलॉजी में भी दिन में काम प्रभावित रहा। सैकड़ों मरीज जांच करवाने के लिए इंतजार करते रहें पर हड़ताल की वजह से जांच नहीं हो सकी।