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समलैंगिकता पर सेना में हैं कड़े कानून, दोषी पाए जाने पर मिलती है ये सजा

नई दिल्ली। अब भारत में दो समान लिंगों वाले लोगों के बीच शारीरिक संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं रहा। सुप्रीम कोर्ट ने सहमति से बनाए गए समलैंगिक संबंधों को धारा 377 से बाहर कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से ही समलैंगिक समुदाय के लोगों में खुशी की लहर है लेकिन आपको बता दें कि सेना में ये कानून अभी भी जारी है। सेना में अगर किसी को समलैंगिक संबंध बनाते हुए पकड़ लिया जाता है तो उनका कोर्ट मार्शल कर दिया जाता है। इतना ही नहीं उनकी सेवा भी समाप्त कर जाती है। कुछ मामलों में उन्हें सजा भी सुनाई जाती हैं।

वहीँ सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद तीनों सेनाओं में इस मामले से निपटने को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। साथ ही उन परिस्थितियों पर भी विचार किया जा रहा है कि अगर कोई समलैंगिक संबंधों का दोषी सैनिक या अधिकारी सेवा से बर्खास्त किए जाने के बाद कोर्ट मार्शल के खिलाफ कोर्ट जाता है, तो ऐसी स्थिति में उसे फिर से सैन्य सेवा में लिया जा सकता है या नहीं। सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर सेनाओं का रक्षा मंत्रालय के साथ बैठक कर मामले का हल निकालने पर विचार किया जा रहा है।

सेना के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ पश्चिमी देशों की सेनाओं में समलैंगिक संबंधों को अनुमति मिली हुई है। ठीक इसी तरह हमारी सेनाओं में भी समलैंगिक कर्मियों को खुलेआम सेवा करने की अनुमति देनी चाहिए।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH