देश की राजनीति में नेताओं पर घोटाले को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगना आम बात है। लेकिन ऐसी बहुत कम मिसालें है जिसमे नेता, सांसद या विधायक अपनी कमाई जनता पर न्योछावर कर दें।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी अमीर सांसदों द्वारा अपना वेतन छोड़ने की मांग करते रहे हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी वरुण गांधी ने पिछले 9 साल से सांसद के रूप में मिलने वाले वेतन को गरीब और जरूरतमंदों में बांट रहे हैं। वेतन का एक पैसा भी वह अपने लिए इस्तेमाल नहीं करते हैं।
बता दें, वरुण गांधी सुल्तानपुर से सांसद हैं। उन्होंने इस साल के शुरू में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से अपील की थी कि आर्थिक रूप से सम्पन्न सांसदों द्वारा 16वीं लोकसभा के बचे कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने के लिए आंदोलन शुरू करें। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में वरुण गांधी ने कहा था कि भारत में असमानता प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
भारत में एक प्रतिशत अमीर लोग देश की कुल संपदा के 60 प्रतिशत के मालिक हैं। भारत में 84 अरबपतियों के पास देश की 70 प्रतिशत संपदा है। यह खाई हमारे लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।
उन्होंने पत्र में लिखा था, ‘स्पीकर महोदया से मेरा निवेदन है कि आर्थिक रूप से सम्पन्न सांसदों द्वारा 16वीं लोकसभा के बचे कार्यकाल में अपना वेतन छोड़ने के लिए आंदोलन शुरू करें। ऐसी स्वैच्छिक पहल से हम निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की संवेदनशीलता को लेकर देशभर में एक सकारात्मक संदेश जाएगा।’ वरुण गांधी ने इस बात पर खुद ही शुरू से अमल कर रहे हैं। वह पिछले 9 वर्षों से सांसद के तौर पर वेतन के रूप में मिलने वाले पैसे का अपने ऊपर इस्तेमाल नहीं करते हैं, बल्कि वेतन की पूरी रकम को गरीबों पर खर्च कर देते हैं।