2019 के लोकसभा चुनाव जैसे- जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे ही जाट आरक्षण का मुद्दा उत्तर प्रदेश में फिर गर्माने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में जाट सम्मेलन के दौरान कहा कि, सरकार जाटों के आरक्षण की पक्षधर है। वह इसे खत्म करना चाहती थी। हमने इसके लिए सामाजिक न्याय समिति का गठन किया है। हम जाटों का आरक्षण खत्म करने के पक्ष में नहीं है।
आज विश्वेश्वरैया हॉल, लोक निर्माण विभाग, लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा वर्ग मोर्चा द्वारा आयोजित 'सामाजिक प्रतिनिधि बैठक' में जाट समाज के प्रतिनिधियों को संबोधित किया। pic.twitter.com/7YmFDIHOpb
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 18, 2018
गौरतलब है कि, पीडब्ल्यूडी के विश्वेसरैया हाल में भारतीय जनता पार्टी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा द्वारा लखनऊ में आयोजित ‘सामाजिक प्रतिनिधि बैठक’ में जाट समाज के प्रतिनिधियों से बैठक हुई। सम्मेलन में जाट समाज के लोगों ने आरक्षण की मांग उठाई। सम्मेलन में जाट समाज के लोगों अपनी सीटों पर खड़े हो गए और आरक्षण की मांग पर ध्यान दिलाने की कोशिश की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाट आरक्षण के मुद्दे पर सरकार आपके साथ है। पिछली सपा सरकार नहीं चाहती थी कि जाटों को आरक्षण मिले, इसलिए अपने ही लोगों से कोर्ट में याचिका दाखिल करा दी। हमारी सरकार ने सामाजिक न्याय समिति बनाई है और आपका हक मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुगलों और अंग्रेजों से जाट समाज मजबूती से लड़ा और अपनी संस्कृति को बचाए रखा। पिछली सरकार में हर हफ्ते दंगे होते थे लेकिन, अब कैराना और कांधला की घटना को कोई दोहरा नहीं सकता।
हम सुरक्षा सबको देंगे लेकिन तुष्टीकरण किसी का नहीं करेंगे। सीएम योगी ने कहा कि हम लोगों ने किसानों का कर्ज माफ किया। हमने गन्ना किसानों को 36000 करोड़ का भुगतान किया। पिछली सरकार के बकाए का भी भुगतान किया। इस दौरान सीएम योगी ने महागठबंधन पर कहा कि जो लोग भारत में अस्थिरता चाहते हैं, वही लोग महागठबंधन की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में स्थिरता लाने वाले लोगों को मोदी जी के साथ खड़ा होना चाहिए। आप राष्ट्रवाद की राजनीति को सहयोग दें।