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युवक ने फाड़ा आयुष्मान भारत कार्ड, बोला- इसने मेरी मां की जान ले ली

रांची। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में सोमवार को डॉक्टरों की लापरवाही से एक बुजुर्ग महिला मरीज़ की जान चली गई। यहां एक शख्स डायरिया से पीड़ित अपनी मां को इलाज के लिए लाया था लेकिन डॉक्टरों ने बिना आयुष्मान कार्ड के वृद्ध महिला का इलाज करने से मना कर दिया। इसके बाद महिला का बेटा कार्ड बनाने के लिए लाइन में खड़ा रहा। छह घंटे इंतजार के बाद बेटा कार्ड बनाकर पहुंचा, तब तक उनकी मौत हो गई।

मृतक के बेटे रबिदास भक्तु ने कहा कि वह अपनी मां को सोमवार को इलाज के लिए अस्पताल गया था, लेकिन डॉक्टरों ने उससे केंद्र सरकार के एक स्वास्थ्य संबंधी योजना के तहत जारी आयुष्मान कार्ड की मांग की। स्थानीय मीडिया के अनुसार, रबिदास करीब छह घंटे के बाद कार्ड बनवाकर अस्पताल पहुंचा, लेकिन वहां पहुंचने पर उसे अपनी मां के निधन की खबर मिली। रबिदास ने कार्ड को फाड़कर फेंक दिया और रोते हुए कहा कि आयुष्मान योजना ने मेरी मां की जान ले ली।

वहीँ, इस मामले पर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ नकुल चौधरी ने कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीजों का पहले इलाज होना चाहिए। कागज बाद में भी बनाएं जा सकते हैं। इलाज के अभाव में बुजुर्ग महिला की मौत होना बहुत बड़ी लापरवाही है। इसमें जो भी जिम्मेदार होंगे, उस पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

क्या है आयुष्मान भारत योजना?

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत जन अरोग्य योजना रविवार को रांची से लांच की थी। आयुष्‍मान भारत स्‍कीम की घोषणा बजट 2019 के दौरान की गई थी। इसमें लगभग सभी गंभीर बीमारियों का इलाज कवर होगा। कोई भी व्यक्ति इलाज से वंचित न रह जाए, इसके लिए स्कीम में फैमिली साइज और उम्र पर कोई सीमा नहीं लगाई गई है। इस स्कीम में हॉस्पिटलाइजेशन से पहले और बाद के खर्च को भी शामिल किया गया है। हर बार हॉस्पिटलाइजेशन के लिए ट्रांसपोर्टेशन अलाउंस का भी उल्लेख किया गया है, जिसका भुगतान लाभार्थी को किया जाएगा। इस योजना का लाभ देश के 10 करोड़ परिवारों यानी कि 50 करोड़ लोगों को मिलेगा। इस महत्वाकांक्षी योजना का मकसद प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान करना है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH