नई दिल्ली। जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को 46वें सीजेआई (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में सुबह पौने 11 बजे के करीब उन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शपथ दिलाई। वह सीजेआई बनने वाले पूर्वोत्तर से पहले जज हैं। जस्टिस गोगोई का कार्यकाल 13 महीने का होगा।
जस्टिस गोगोई की छवि एक बेहद सख्त और ईमानदार जज की है। उनकी सख्त छवि उस वक्त और उभरकर सामने आई, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मार्कंडेय काटजू को अवमानना के एक मामले में कोर्ट में तलब कर लिया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट का कोई पूर्व जज कोर्ट में इस तरह से पेश हुआ हो। हालांकि, बाद में वकीलों की दरख्वास्त पर जस्टिस गोगोई ने काटजू को चेतावनी देकर जाने दिया।
आपको जानकर हैरानी होगी कि गोगोई के पास अपना खुद का मकान तक नहीं है। प्रॉपर्टी की नाम पर भी रंजन गोगोई के पास ज्यादा कुछ नहीं है। एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, जस्टिस गोगोई और उनकी पत्नी ने बैंक जमा और एलआईसी पॉलिसी के रूप में करीब 30 लाख रुपये का निवेश किया है. उन्होंने संपत्ति की घोषणा में बताया था कि उन्होंने 1999 में गुवाहाटी के बेल्टोला में एक प्लॉट खरीदा था, जिसे उन्होंने हाल में ही 65 लाख रुपये में बेचा है। इसके अलावा उनकी मां ने भी गुवाहाटी के पास जपोरिगोगा गांव की एक जमीन उनके तथा उनकी पत्नी के नाम पर ट्रांसफर की है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में कई बड़े और सफल वकील एक दिन में 50 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर लेते हैं।