नई दिल्ली| संसद के शीत सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को भी दोनों सदनों में नोटबंदी पर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर तकरार हुई। नारेबाजी और हंगामे के कारण कार्यवाही कई बार बाधित हुई। कई बार स्थगित किए जाने के बाद अंतत: दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में विपक्ष ने सरकार के 8 नवंबर के नोटबंदी के फैसले पर उन संसदीय नियमों के तहत चर्चा की मांग की, जिसमें वोटिंग का प्रावधान है।
जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोग नोटबंदी से परेशान हैं। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि लोग कालेधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार के इस कदम के साथ हैं। कुमार ने कहा, “सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। देश के लोग नोटबंदी पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ हैं।”
हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी यही हाल रहा, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। ऊपरी सदन राज्यसभा में भी यह मुद्दा छाया रहा। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।
हंगामा सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्यों ने भी किया। उन्होंने उड़ी में आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले जवानों की तुलना नोटबंदी की वजह से मरने वाले लोगों से करने पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से माफी मांगने को कहा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि आजाद के बयान से पूरे देश में गलत संदेश गया है। हमारी उनसे अपील है कि वह माफी मांगें। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने नोटबंदी का मुद्दा उठाया। उन्होंने सभापति की शांत हो जाने की अपील अनसुनी कर दी, जिसके बाद सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न् 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू होने पर भी यही स्थिति रही। अब विपक्षी दल नोटबंदी की वजह से लोगों को हुई परेशानी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री से माफी मांगने की मांग करने लगे। विपक्षी सदस्यों ने ‘जन विरोधी नरेंद्र मोदी, माफी मांगो-माफी मांगो’ के नारे लगाए। विपक्षी दलों के सांसद सभापति की आसंदी के करीब पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के कारण एक बार फिर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कार्यवाही शुरू होने पर सभापति हामिद अंसारी ने हालांकि सदस्यों को यह कहकर शांत कराने की कोशिश की कि उनकी बातें सुनी जाएंगी, लेकिन उनकी कोशिशें विफल हुईं और सदन की कार्यवाही एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई तथा इसे दोपहर 12.33 बजे तक स्थगित करना पड़ा।
इसके बाद भी सभापति ने सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की, लेकिन ऐसा नहीं हो पाने की स्थिति में उन्होंने कार्यवाही दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर भी जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो इसे दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
राज्यसभा ने गुरुवार को नोटबंदी पर चर्चा की थी। लेकिन, विपक्ष की बेचैनी तब बढ़ गई जब प्रधानमंत्री चर्चा के दौरान सदन में नहीं दिखे। विपक्ष ने अब यह मांग भी रखी है कि चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री सदन में रहें क्योंकि यह मुद्दा राष्ट्रीय महत्व का है।