अमृतसर। पंजाब के अमृतसर में ट्रेन द्वारा भीड़ को कुचलने जाने की घटना में 61 लोगों की मौत के बाद केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि इस दुर्घटना के लिए उनका मंत्रालय जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम के लिए प्रशासन और कार्यक्रम आयोजकों ने रेलवे को सूचित नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा कि वास्तव में कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने इस स्थान पर दशहरा कार्यक्रम के लिए मंजूरी नहीं दी थी।” सिन्हा ने कहा कि वह स्थान घटनास्थल से लगभग 70 मीटर की दूरी पर था, जो रेलवे के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। इसे पहले रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने कहा था कि दुर्घटनास्थल दो स्टेशनों के बीच का हिस्सा है, जहां ट्रेन नियत स्पीड से चलती है।
उन्होंने कहा कि जोड़ा फाटक पर जालंधर-अमृतसर डीजल मल्टीपल यूनिट (डीएमयू) यात्री ट्रेन के लोको पायलट ने ब्रेक लगाए थे। लोहानी ने बताया, “ट्रेन तय स्पीड पर चल रही थी और ऐसी उम्मीद नहीं थी कि लोग ट्रैक पर खड़े होंगे। यह पूरी तरह से ट्रेसपासिंग का मामला है। रेलवे ट्रैक से जुड़े दशहरे कार्यक्रम के बारे में रेलवे को कई जानकारी नहीं दी गई थी।”
भले ही रेलवे ने इस हादसे के लिए खुद को दोषी मानने से इंकार कर दिया हो लेकिन क्या रेलवे को यह जानकारी नहीं थी कि रेलवे ट्रैक से थोड़ी ही दूर पर बड़े पैमाने पर रावण दहन का आयोजन होना है? बताया जा रहा है कि रेलवे ने कोई सावधानी अथवा चेतावनी भी जारी नहीं की थी। वहीं, गेटमैन भी अलर्ट पर नहीं था। इस हादसे के पीछे सरकार की विफलता भी किसी मायने में कम नहीं है। बताया जा रहा है कि सरकार के पास ऐसे आयोजनों के आंकड़ें नहीं हैं। सरकारों के पास डाटा भी नहीं है कि कहां-कहां किस तरह के आयोजन होते हैं और कहां पर किस तरह की सुरक्षा व्यवस्था करनी है।