हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक का महीना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। कार्तिक महीने में दान, पुण्य, गंगा स्नान और पर्व का विशेष महत्व होता है। देव दिवाली दीपावली के 15 दिन बाद मनाई जाती है। इस बार यह पर्व 29 नवंबर को है।
आपको बता दें, देव दिवाली का यह उत्सव उत्तर प्रदेश के बनारस शहर में बड़े भव्य तरीके से मनाई जाती है। देव दिवाली के बनारस में इतने भव्य तरीके से मनाए जाने के पीछे कई कारण है। आइए जानते हैं, बनारस में देव दिवाली के मनाए जाने के पीछे कारण –
पौराणिक मान्यता के अनुसार, देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा के बाद जागते हैं। जिसकी खुशी में सभी देवता स्वर्ग से उतरकर बनारस के घाटों पर दीपों का उत्सव मनाते हैं।
ऐसी एक अन्य मान्यता है कि दीपावली पर माता लक्ष्मी अपने प्रभु भगवान विष्णु से पहले जाग जाती हैं, इसलिए दीपावली के 15वें दिन कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवताओं की दीपावली मनाई जाती है।
देव दिवाली की परम्परा सबसे पहले बनारस के पंचगंगा घाट पर 1915 में हजारों की संख्या में दिये जलाकर की गई थी। तभी के बनारस में भव्य तरीके से घाटो पर दीये सजाए जाते हैं।
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