RegionalTop News

बिकरू कांड: विकास दुबे की मुखबिरी करते थे पुलिस वाले, एसआईटी जांच में खुलासा

लखनऊ। बिकरू कांड की जांच कर एसआईटी ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। कुल 3200 पन्नों की रिपोर्ट में एसआईटी ने 75 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। इनमें पुलिस व प्रशासन के लोग भी शामिल हैं। एसआईटी ने अपनी जांच में कानपुर के पुलिस अफसरों की भूमिका को संदिग्ध पाया है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद कुछ पुलिस अफसरों के खिलाफ सरकार कड़े कदम उठा सकती है।

एसआईटी ने अपनी जांच में कानपुर के पुलिस अफसरों की भूमिका को संदिग्ध पाया है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की है। माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आने के बाद कुछ पुलिस अफसरों के खिलाफ सरकार कड़े कदम उठा सकती है। विकास दुबे की काली कमाई के साम्राज्य को बढ़ाने से लेकर उसके गिरोह के सदस्यों को शस्त्र लाइसेंस दिलाने में अधिकारी मददगार थे। अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय विशेष जांच दल की जांच में भी पुलिस के अपनों की ही मुखबिरी करने की पोल भी खुली है।

सूत्रों का कहना है कि एसआईटी ने कानपुर के तत्कालीन 80 अधिकारियों और कर्मियों को अपनी जांच में दोषी पाया है और उनके विरुद्ध अलग-अलग कार्रवाई की संस्तुति की गई है। इनमें करीब 50 पुलिस अधिकारी और पुलिसकर्मी हैं। दोषियों में जिला प्रशासन के अधिकारी और कर्मी भी शामिल हैं। एसआईटी ने प्रशासनिक सुधार से जुड़ी तीन संस्तुतियां भी की हैं। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि जांच रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि एसआईटी की जांच में विकास दुबे के घर पुलिस टीम के दबिश देने की सूचना पहले ही लीक कर दिए जाने से जुड़े कई तथ्य उजागर हुए हैं। एसआईटी जांच के घेरे में पुलिस, राजस्व, आपूर्ति, आबकारी और अन्य विभागों के 100 से अधिक अधिकारियों और कर्मियों की भूमिका थी। इनमें करीब 80 अधिकारी और कर्मी दोषी पाए गए। कुख्यात विकास दुबे के 10 जुलाई 2020 को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद 11 जुलाई 2020 को एसआईटी का गठन किया गया था।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH