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83 पूर्व नौकरशाहों ने मांगा योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा, ये है वजह

लखनऊ। बुलंदशहर में हुई हिंसा से नाराज 83 पूर्व नौकरशाहों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है। पूर्व नौकरशाहों ने इसके लिए मुख्यमंत्री को खुला पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने राज्य में इस घटना से पहले और बाद में उत्पन्न तनाव को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री को पत्र लिखने वाले ये पूर्व नौकरशाह पिछले चार-पांच सालों में सेवा से रिटायर हुए हैं। पूर्व नौकरशाहों का आरोप है कि बुलंदशहर हिंसा मामले में जांच सही तरीके से नहीं हो रही है और पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के हत्यारों को पकड़ने की जगह गोहत्या में संलिप्त लोगों को गिरफ्तारी पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है।

नौकरशाहों ने अपने पत्र में लिखा है कि 3 दिसंबर 2018 को हुई हिंसक घटना के दौरान पुलिस अधिकारी की हत्या राजनीतिक द्वेष की दिशा में अब तक का एक बेहद खतरनाक संकेत है। इससे पता चलता है कि देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में शासन प्रणाली के मौलिक सिद्धांतों, संवैधानिक नीति और मानवीय सामाजिक व्यवहार तहस नहस हो चुके हैं। राज्य के मुख्यमंत्री एक पुजारी की तरह धर्मांधता और बहुसंख्यकों के प्रभुत्व के एजेंडे पर काम कर रहे हैं।

नौकरशाहों ने कहा कि तीन दिसंबर को भीड़ द्वारा की गई हिंसा दुर्भावनाओं से प्रेरित थी, जिसमें एक पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी गई। यह मौजूदा दौर में नफरत की राजनीति का सबसे खतरनाक मोड़ है। नौकरशाहों ने आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि उनमें कट्टरता का घमंड है, जोकि उनकी पहचान है। उन्होंने इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया और मुख्यमंत्री पर संविधान की पूरी तरह से अवमानना करने का आरोप लगाया।

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या को जानबूझकर बहुसंख्यक ताकत का प्रदर्शन करार देते हुए पूर्व नौकरशाहों ने घटना पर प्रशासन की भयभीत करने वाली प्रतिक्रिया पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ने घटना की गंभीरता और इसकी सांप्रदायिक मंशा को नजरंदाज कर दिया। उन्होंने हिंसा को उकसाने वालों की निंदा करने और पुलिस को उनके खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने का निर्देश देने के बजाए गैर कानूनी ढंग से गोवध के लिए जिम्मेदार लोगों पर नजर रखने को कहा।”

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH