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झीरम हमले की साजिश के जल्द पदार्फाश की उम्मीद : अलका मुदलियार

रायपुर, 24 दिसम्बर (आईएएनएस/वीएनएस)। झीरम घाटी नक्सल हमले में शहीद पूर्व विधायक उदय मुदलियार की पत्नी अलका मुदलियार ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के लिए एसआईटी गठन के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उदय मुदलियार राजनांदगांव के पूर्व विधायक थे।

अलका मुदलियार ने कहा, “मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ ग्रहण के तत्काल बाद एसआईटी के गठन की घोषणा की। इससे न सिर्फ हमारे परिवार को, बल्कि झीरम घाटी में शहीद सभी लोगों के शोकाकुल परिवारों को अब जल्द न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। अब हमें यह भी विश्वास है कि एसआईटी की ओर से इस आपराधिक वारदात की साजिश का जल्द से जल्द पदार्फाश होगा और अपराधियों को पकड़कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

मुदलियार ने सरकार गठन के तुरंत बाद पहली कैबिनेट बैठक में लिए गए इस निर्णय को मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता का परिचायक बताया।

उन्होंने कहा, “बस्तर जिले में लगभग साढ़े पांच साल पहले हुए इस नक्सल हमले में मैंने अपने पति उदय मुदलियार को खोया। मेरे परिवार ने अपना मुखिया खोया। हम सब, जिन्होंने अपनों को खोया, वे सभी परिवार भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनते ही उनके एसआईटी गठन के निर्णय से पूरी तरह आश्वस्त हैं कि अब न्याय मिलेगा।”

दिवंगत मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने बताया कि झीरम घाटी की दुखद घटना उनके परिवार के लिए अपूरणीय क्षति रही है। उनके पिता को “चचेरे भाई की शादी में शामिल होने सपरिवार नागपुर आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक जीवन के अपने कर्तव्य को ज्यादा प्राथमिकता दी और वह बस्तर जिले के प्रवास पर निकल गए। उस दिन हमने साथ लंच किया। फिर पिता बस्तर के लिए रवाना हो गए। उनके साथ बिताया खुशनुमा पल फिर कभी लौटकर नहीं आया। शाम को पापा के नजदीकी मित्रों ने इस दु:खद घटना की जानकारी दी। हम लोग इतने बड़ी साजिश के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। उस एक पल में हम लोगों ने क्या खो दे दिया, इसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते।”

 

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