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आंध्र में छात्रा की हत्या व दुष्कर्म मामले की जांच सीबीआई ने शुरू की

विजयवाड़ा, 29 दिसम्बर (आईएएनएस)| हैदराबाद उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद यहां के एक निजी छात्रावास में छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या के 11 वर्ष पुराने मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच फिर से शुरू कर दी है। एजेंसी ने मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज किया है। एक एफआईआर 19 वर्षीय लड़की के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के लिए अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ और दूसरा सबूत मिटाने के लिए विजयवाड़ा अदालत के तीन कर्मचारियों के खिलाफ किया गया है।

सीबीआई की हैदराबाद शाखा ने मुख्य मामले के संबंध में एफआईआर दर्ज किया, जबकि सबूत मिटाने के लिए दूसरा एफआईआर विशाखापत्तनम में दर्ज किया गया। दोनों मामलों को गुरुवार को दर्ज किया गया।

हैदराबाद उच्च न्यायालय ने नवंबर में मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे और इसके साथ ही अदालत ने एजेंसी को विजयवाड़ा महिला अदालत में सबूतों को नष्ट करने के संबंध में भी जांच करने के लिए कहा था।

पीड़िता बी. फार्मेसी की छात्रा थी। उसके साथ दुष्कर्म व हत्या 26 व 27 दिसंबर की मध्यरात्रि को हुई थी। उसका शव श्री दुर्गा महिला छात्रावास के बाथरूम में खून से सना पाया गया था।

2008 में, पुलिस ने दावा किया था कि मोबाइल फोन चोरी मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति सत्यम बाबू ने हत्या मामले में जुर्म स्वीकार लिया है।

विजयवाड़ा में महिला अदालत ने 10 सितंबर 2010 को सत्यम को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।

हैदराबाद उच्च न्यायालय ने 2017 में सत्यम बाबू को रिहा कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने फिर से जांच के लिए विशेष जांच टीम(एसआईटी) का गठन किया था।

एसआईटी की जांच पर निगरानी रख रही उच्च न्यायालय ने पाया कि सत्यम बाबू को दोषी ठहराने के खिलाफ उच्च न्यायालय में लंबित याचिका के बावजूद महिला अदालत ने 2014 में सबूतों को नष्ट कर दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए, उच्च न्यायालय इस नतीजे पर पहुंची कि एक स्वतंत्र एजेंसी ही सच्चाई को बाहर ला सकती है।

सीबीआई ने महिला अदालत के कर्मचारी टी.कुमारी, वाई. सुब्बा रेड्डी और पी. वेंकट कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया।

जांच एजेंसी के अनुसार, आरोपियों ने आपराधिक साजिश के तहत मैटेरियल ऑब्जेक्ट्स(एमओएस) को नष्ट कर दिया था।

 

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