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बुलंदशहर हिंसा: इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को कुल्हाड़ी से घायल करने का आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ। यूपी पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के आरोपी प्रशांत नट के बाद एक एक अन्य आरोपी कलुआ को भी गिरफ्तार कर लिया है। कलुआ पर आरोप है कि उसने हिंसा वाले दिन धारदार हथियार से वार करके इंस्पेक्टर को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी ने बताया कि मामले के प्रमुख अभियुक्त कलुआ की बुलंदशहर के एक दूर-दराज के गांव में मौजूद होने की सूचना मिलने के बाद उसे वहां से गिरफ्तार कर लिया गया। कलुआ पर सिंह के सिर पर कुल्हाड़ी से वार करने का आरोप है। उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस इंस्पेक्टर को इसके बाद प्रशांत नट ने गोली मार दी थी, जो पहले से ही पुलिस हिरासत में है।

गांव वालों ने विधायक को बनाया था बंधक

इस गांव के लोगों ने बीते शनिवार को पंचायत बुलाई थी। पंचायत में स्याना विधायक देवेंद्र सिंह भी पहुंचे जहां ग्रामीणों ने उन्हें करीब ढाई घंटे तक बंधक बनाए रखा। ग्रामीण सुमित के भाई को नौकरी, परिजनों को आर्थिक सहायता और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की मांग रहे थे। पंचायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस निर्दोष लोगों को पकड़ जबरन जेल में भेज रही है। इस दौरान ग्रामीणों के बीच बैठे विधायक ने कहा कि वो उनकी समस्या को मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के समक्ष रखेंगे। देवेंद्र सिंह के इस आश्वासन के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

जानकारी के अनुसार, 3 दिसंबर को स्याना कोतवाली क्षेत्र के चिंगरावठी पुलिस चौकी स्थिस स्टेट हाईवे पर हुई हिंसा में छात्र सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी। सुमित के पिता अमरजीत सिंह ने कहा कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने आत्मरक्षा में नहीं, बल्कि उनके बेटे की गोली मारकर हत्या की है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने जिस गवाह को घटनास्थल के पास चाय बेचने वाला बता रही है वह पास के गांव का रहने वाला किसान है। उन्होंने बताया कि फर्जी गवाह तैयार किए जान की शिकायत सीएम को ईमेल से की है।

वहीँ गांव वालों से पीछा छुड़ाकर निकले विधायक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने गांव वालों से वादा किया है कि इस मामले में कोई निर्दोष जेल नहीं जाएगा। विधायक ने कहा कि ग्रामीणों की मांग है कि हिंसा की जांच सीबीआई से कराई जाए, क्योंकि पुलिस ग्रामीणों को जांच के नाम पर परेशान कर रही है।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH