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अलविदा कादर खान: जानिए उनके बारे में unknown facts

मुंबई। बॉलीवुड में कई ऐसे एक्टर्स है जिनकी एक्टिंग का इंडस्ट्री में बोलबाला है पर कुछ ही ऐसे एक्टर्स होते हैं जो अपनी एक्टिंग से दिलों पर राज करते हैं। आइये जानते हैं अपने दमदार अभिनय और डायलॉग राइटिंग के दम पर बॉलीवुड में जगह बनाने वाले कादर खान के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें:

11 दिसंबर, सन 1937 को कादर खान का जन्म अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था। उन्होंने बॉम्बे यूनिवर्सिटी के इस्माइल युसुफ कॉलेज से बीटेक किया। उसके बाद 1970 से 1975 तक एमएच सैबू सिद्दिकी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में बतौर प्रोफेसर काम किया।

कादर खान जिस कॉलेज में पढ़ाते थे, दिलीप कुमार उसके एनुअल फंक्शन में चीफ गेस्ट बनकर गए थे। फंक्शन के दौरान कादर खान ने भी एक किरदार निभाया। वह कादर खान की ऐक्टिंग से काफी इंप्रेस हुए और उन्होंने उन्हें फिल्म के लिए साइन कर लिया। उन्हें फिल्म ‘जवानी दीवानी’ के डायलॉग लिखने का ऑफर मिला, जिसके बाद उनकी बॉलीवुड जर्नी शुरू हो गई।

1973 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्मों के डायलॉग लिखने से की। कादर खान ने 250 से ज्यादा फिल्मों में डायलॉग्स लिखे जो सुपरहिट रहे। फिल्म रोटी में कादर खान ने ऐसे डायलाग लिखे कि वो लोगों की जुबां पर चढ़ गए और फिल्म निर्देशक मनमोहन देसाई ने कादर खान को संवाद लिखने के लिए 1,20,000 रुपये जैसी बड़ी रकम अदा की थी।

300 से ज्यादा हिंदी और उर्दू फिल्मों में अभिनय करने वाले कादर खान ने, फिल्म ‘दाग’ से बतौर एक्टर बॉलीवुड में एंट्री की जिसमे राजेश खन्ना लीड रोल में थे। इस फिल्म में उन्होंने अभियोजन पक्ष के वकील की भूमिका निभाई थी।

कादर खान ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में विलन के रूप में काम किया। फिल्म ‘हिम्मतवाला’ और ‘आज का दौर’ के में विलन के किरदार निभाने के बाद, उन्होंने कॉमेडी में भी हाथ आज़माया। 1989 से उन्होंने कॉमेडी फिल्में करना शुरू कर दिया। 1982 से लेकर 2005 तक का पीरियड कादर खान के करियर का सबसे सफल समय माना जाता है।

कादर खान ने ‘हंसना मत’ नाम से एक कॉमेडी शो भी बनाया था जिसमें उन्होंने खुद भी एक्टिंग की थी। उनका ये शो लोगो को बहुत पसंद आया था। इसके बाद ही वो कैमरे से गायब हो गए थे।

1982 और 1993 में कादर खान को बेस्ट डायलॉग के लिए फिल्म फेयर अवार्ड से नवाज़ा गया। इसके साथ ही 1991 में कादर खान को बेस्ट कॉमेडियन और 2004 में बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए भी फिल्म फेयर मिल चुका है।

अमेरिकन फेडरेशन ऑफ मुस्लिम फ्रॉम इंडिया (AFMI) ने कादर खान को उनकी सफलताओं और भारतीय मुस्लिम कम्युनिटी की भलाई में उनके कामों के लिए सराह चुकी है।

बीमार होने के बाद कादर खान इस बात से हताश हो गए कि लोगों ने उनसे दूरी बना ली और काम देना बंद कर दिया।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH