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देश में पहली बार दी जा सकती है किसी महिला को फांसी, गुनाह जानकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

नई दिल्ली। देश के इतिहास में शायद ऐसा पहली बारे होगा जब किसी महिला को फांसी दी जा सकती है। इस महिला का गुनाह ही ऐसा है। महिला का नाम शबनम है। कहते हैं कि जिस गांव में वो रहती थी वहां लोग शबनम नाम से डरते हैं और गलती से भी अपने बच्चों नाम शबनम नहीं रखते हैं। दरअसल, इन लोगों को लगता है कि शबनम एक कलंक है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

ये पूरा मामला अमरोहा जिले में बावन खेड़ी नामक एक गांव है। यहाँ शबनम नाम की महिला ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर परिवार के 7 लोगों का गला रेतकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड को याद कर आज भी गांव के लोग सिहर उठते हैं। बावन खेड़ी गांव में 14 15 अप्रैल की रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक ही परिवार के 7 लोगों की गला रेतकर हत्या कर दी गई। इस घर में सिर्फ एक 25 वर्षीय लड़की बची थी जिसका नाम था शबनम।

शबनम ने सलीम के साथ मिलकर अपने पूरे परिवार का सफाया कर दिया उस समय शबनम 7 सप्ताह की गर्भवती भी थी। शुरूआत में उसने यह दलील देकर खुद को बचाने की कोशिश की कि लुटेरों ने उसके परिवार पर हमला कर दिया था और बाथरूम में होने की वजह से वह बच निकलने में कामयाब रही लेकिन परिवार में वही एकमात्र जिंदा बची थी। इसलिए पुलिस का शक उस पर गहरा गया और उसकी कॉल डिटेल खंगाल ई गई तो सारा सच सामने आ गया। शबनम इस मामले में मुरादाबाद जेल में बंद है। जबकि उसका प्रेमी सलीम आगरा सेंट्रल जेल में बंद है।

शबनम के चाचा सत्तार का क​​हना है कि शबनम और उसके प्रेमी सलीम को अभी तक सजा नहीं हो पाई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें सजा सुना दी थी। राष्ट्रपति ने भी उनकी दया याचिका खारिज कर दी थी लेकिन इसके बावजूद आज तक दोनों को सजा नहीं मिल पाई है। गांव में रहने वाले फुरकान अहमद का कहना है कि जो हुआ वो गलत हुआ। इस घटना से लोगों के दिल और दिमाग पर भी फर्क पड़ा है। इस वजह से आज तक किसी ने अपने बच्चे का नाम शबनम नहीं रखा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH