पणजी। पिछले काफी समय से कैंसर से पीड़ित चल रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन हो गया है। वह 63 साल के थे। भले आज हम लोगों के बीच नहीं हैं लेकिन उनके विचार और उनके फैसले हमेशा देश के साथ रहेंगे। अपने तेज तर्रार और निर्णायक फैसलों के लिए जाने जाने वाले मनोहर पर्रिकर की गिनती भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में की जाती है।
उन्होंने 2000-05 और 2012-14 तक गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया। वर्तमान में वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य थे। उन्होंने 1978 में IIT बॉम्बे से धातुकर्म इंजीनियरिंग में स्नातक किया। उन्हें 2001 में IIT बॉम्बे द्वारा प्रतिष्ठित पूर्व छात्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पर्रिकर मोदी कैबिनेट में सबसे सक्रिय और अग्रिम मंत्रियों में से एक साबित हुए हैं।
उन्होंने राफेल सौदे को प्राप्त किया जो लगभग एक दशक तक गहरे फ्रीज में था। उन्होंने अपनी नो-इमेज को रक्षा मंत्रालय तक पहुंचाया है, यही वजह है कि पूरे विभाग की दक्षता काफी बढ़ गई है।
मनोहर पर्रिकर अपनी साइकिल से गोवा विधान सभा की सैर करने के लिये जाने जाते थे। उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद सभी सरकारी लाभों से इनकार कर दिया। वह किसी भारतीय राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले IITian हैं। वह सबसे प्रमुख IITians में से एक है जो राजनेता बन गए।