राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांग्रेस, आरजेडी के सहयोगी उपेन्द्र कुशवाहा ने एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है। इस बार उन्होंने धर्म को समक्ष रखते हुए माता सीता पर एक बेहद अपमानजनक टिप्पणी की है।राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा दरभंगा में बिहार के महागठबंधन प्रत्याशी अब्दुल बारी सिद्दीकी का प्रचार करने पहुंचे थे जहां उन्होंने बीजेपी के 5 साल के कार्यकाल पर निशाना साधा। इसी दौरान उन्होंने बीजेपी की तुलना रामलीला की पात्र माता सीता से की और कहा कि, ‘जिस सीता मैया को मंच पर देखकर लोग सिर झुकाते हैं, वही पर्दे के पीछे जाकर सिगरेट पीती है।’
दरभंगा: महागठबंधन प्रत्याशी अब्दुलबारी सिद्दीकी का प्रचार करने पहुंचे @RLSPIndia नेता @UpendraRLSP का विवादित बयान, @BJP4India की तुलना रामलीला के पात्र 'सीता' से करते हुए कहा-"सीता मैया को देखकर सब सिर झुकाते हैं लेकिन वही सीता पर्दे के पीछे जाकर सिगरेट पीती है।"@abpnewshindi pic.twitter.com/bwIfvARkHY
— Utkarsh Kumar Singh (@UtkarshSingh_) April 24, 2019
कुशवाहा यहां ही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा की वो एनडीए में रहकर आए हैं इसलिए उन्हों पता है कि वहां अंदर से कुछ और हैं और बाहर से कुछ और। उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं में रामलीला के लोगों का ज्यादा अनुभव है। इस बयान के दौरान ही उपेंद्र कुशवाहा अपनी सीमा ही लांग गए, वह बोले कि रामलीला के पात्रों में एक व्यक्ति मां सीता का रूप धारण करके आता है। जब माताएं-बहनें उसे देखती हैं तो सिर झुका लेती हैं। इतना सम्मान होता है मन में देवी के रूप के लिए। पर्दे के सामने वो मां सीता होती है लेकिन जब पर्दे के पीछे जाकर देख लीजिए तो वही सीताजी सिगरेट पीती रहती है।चुनाव के चलते नेताओं की एक दूसरे को लेकर तो बद्द्जुबानी चल ही रही थी लेकिन अब इन लोगों ने देवी-देवताओं को भी इस बद्द्जुबानी के दल-दल में घसीट लिया। लोकसभा चुनाव 2019 के प्रारंभ होते ही हिंदू धर्म एवं सभी धर्मों को ये नेता निशाना बनाते आए हैं। उपेंद्र कुशवाहा का कोई हक़ नहीं बनता किसी भी धर्म का या किसी भी देव-देवता का इस तरह भरी सभा में मजाक बनाए।विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ आवाज़ उठानी शुरू कर दी है और उनसे माफ़ी मांगने की अपील भी की है साथ ही यह भी कोशिश की जाएगी कि उन पर चुनाव आयोग की ओर से दवाब बनाया जाए।