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शाइन सिटी का बड़ा फर्जीवाड़ा आया सामने, 58 प्लाटों का रजिस्ट्रेशन कराकर 3000 की कर दी बुकिंग

लखनऊ। फर्जीवाड़े का मायाजाल फैला रहे बिल्डर शाइन सिटी की पोल खुल गई है। रेरा की जांच में लखनऊ के साथ साथ कई शहरों में काम कर रहे बिल्डर शाइन सिटी के फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया है। आपको बता दें कि बिल्डर ने लखनऊ में 58 भूखंड की परियोजना का पंजीकरण कराकर करीब 3,000 की बुकिंग की थी लेकिन योजना का क्षेत्रफल भी 18 गुना अधिक मिला। बिल्डर शाइन सिटी से संबंधित अमिताभ श्रीवास्तव, राजीव कुमार सिंह और आसिफ नसीम ने आवंटियों के साथ धोखाधड़ी कर उन्हें भूखंड बेचने की बात इस खुलासे वाली रिपोर्ट में कही गई है।

रेरा सचिव को तकनीकी सलाहकार की सौंपी गई रिपोर्ट में यह साफ हो गया है कि शाइन वैली फेज-1 के लिए कंपनी के निदेशक राशिद नसीम और आसिफ नसीम ने पंजीकरण के समय क्षेत्रफल 14,330 वर्गमी. बताया था। इसकी जांच के समय शाइन वैली एक्सटेंशन, ग्रीन होम्स, ड्रीम होम्स इसी प्रोजेक्ट के भाग निकले। इसके साथ साथ शाइन वैली फेज-1, पैराडाइज गार्डन, सालिटेयर सिटी, जेवियर सिटी, नेचर वैली समृद्धि गुल्लक, वैदिक विहार फेज-1 व फेज-2 में नियमों की अनदेखी के अलावा वित्तीय अनियमितताएं भी मिली हैं।

सॉलिटेयर सिटी 600 भूखंड का प्रोजेक्ट बताया गया है। इसमें बिल्डर ने 1270 की बुकिंग भी ली है। 650 प्लॉट्स की रजिस्ट्री भी कराई जा चुकी है। वहीं एलडीए से इसका मानचित्र भी स्वीकृत नहीं कराया गया। प्रोजेक्ट पर काम बंद है। आंकड़ों में अंतर व रकम का पूरा ब्यौरा न देना कंपनी की मनी लॉन्ड्रिंग का खुलासा करता है। सचिव अबरार अहमद ने बताया कि शाइन सिटी के उत्तर प्रदेश में चल रहे सभी प्रोजेक्ट की जांच कराई गई है। इसमें कानपुर देहात, आगरा, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, कौशांबी, मिर्जापुर, फतेहपुर, गोरखपुर, बाराबंकी में भी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें से किसी भी प्रोजेक्ट का पंजीकरण रेरा में नहीं कराया गया है। इस मामले पर बिल्डर से अब 20 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है, वहीं कंपनी को 15 दिन का समय दिया गया है। इस पर 29 अप्रैल को सुनवाई होगी।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH