लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पांचवे चरण के तहत सोमवार को मतदान संपन्न हो गया। इसके साथ ही ईवीएम में भाजपा उम्मीदवार राजनाथ सिंह, सपा उम्मीदवार पूनम सिन्हा और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे प्रमोद कृष्णम की किस्मत कैद हो गई। अब 23 मई को मतगणना वाले दिन पता चलेगा कि किसकी किस्मत में जीत है और किसकी किस्मत में हार।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ लोकसभा सीट पर 1991 से लेकर अब तक बीजेपी का कब्ज़ा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कर्मभूमि कही जानेवाली लखनऊ संसदीय सीट 1991 में बीजेपी के पाले में आई। तब से लेकर 2014 तक इस सीट पर बीजेपी की जीत लगातार जारी है। अटल बिहारी वाजपेयी इस सीट से लगातार पांच बार चुने गए। उनके राजनीतिक जीवन से सन्यास लेने के बाद 2009 में बीजेपी के टिकट से इस सीट पर लालजी टंडन को जीत मिली।
2014 के लोकसभा चुनाव में राजनाथ सिंह ने यहां से जीत दर्ज की। वे वर्तमान में लखनऊ के सांसद हैं। आपको बता दें कि भाजपा लखनऊ में कई मुद्दों पर लड़ रही है लेकिन तीन तलाक का मुद्दा ऐसा है जो भाजपा के काफी अहम है। एक टीवी चैनल के पत्रकार ने जब लोगों से पूछा कि योगी, मोदी या राजनाथ किसके नाम पर वोट देंगे तो लोग बोले कि नाम नहीं काम पर वोट देंगे। उन्होंने जब लखनऊ के हजरतगंज में मुस्लिम युवतियों से पूछा कि तीन तलाक पर मोदी का कदम उनको कैसा लगा तो चौंकाने वाला जवाब मिला। एक युवती ने कहा कि ये कदम बिल्कुल भी सही नहीं है। उसने कहा कि ये फैसला शरीयत के खिलाफ है। वहीं बगल में खड़ी दूसरी युवती ने भी कहा कि शरीयत के खिलाफ कोई फैसला कैसे हो सकता है।