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42 वर्षीय दिव्यांग महिला की शिकायत पर बलात्कारी साधु बाबा पहुंचा सलाखों के पीछे

मथुरा। भगवा व गेरुआ रंग धारण किए चंद वैहशी धर्म नगरी व कृष्ण की क्रीड़ा स्थली वृंदावन को दागदार बनाने से नहीं चूक रहे हैं। मथुरा जिसे कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म से लेकर क्रीड़ा स्थली माना जाता है जहां भगवान ने द्वापर काल में जन्म लेकर इस जगह को पवित्र बनाया और लोगों को सत्य मार्ग पर चलना सिखाया, वहीं अब कुछ विकृत मानसिकता वाले ढोंगी पाखंडीओं द्वारा इस पावन नगरी के स्वरूप को छलनी किया जा रहा है यह लोग अपने पापी मंसूबों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला वृंदावन के गौशाला नगर में संचालित आश्रम से तब सामने आया जब राजस्थान निवासी एक 42 वर्षीय महिला ने गौशाला नगर स्थित हरे रामा हरे कृष्णा आश्रम के महंत नवल किशोर पुत्र बांकेलाल निवासी रामाखेड़ा जिला शाहजहानपुर पर जबरन दुष्कर्म का मुकदमा पंजीकृत करवाया। पीड़िता के अनुसार वह सांसारिक मोह माया छोड़ हरिनाम संकीर्तन हेतु आश्रम में रहने आई थी। इसी बीच 8 माह पूर्व आश्रम में रहने वाला नवल किशोर उसके कमरे में घुस आया और दिव्यांग महिला के साथ दुराचार किया,इतना ही नहीं महिला को जान से मारने की धमकी देते हुए अपने कुकृत्य की बात को छुपाने के लिए लगातार दबाव बनाता रहा।

पीड़िता की मानें तो पिछले 8 माह में कई बार धमकी दे दे कर जबरन इस दुसहासिक वारदात को यह दरिंदा बार-बार अंजाम देता रहा है। उसकी दरिंदगी की पराकाष्ठा बताते हुए महिला ने कहा कि विरोध करने पर मारपीट पर भी उतारू रहता है। जैसे तैसे निगाह बचाकर महिला स्थानीय थाने पहुंची और अपनी आपबीती सुनाते हुए शिकायत दर्ज करवाई। इस मामले में त्वरित कार्यवाही कर इलाका पुलिस ने आरोपी को घर दबोचा व न्यायालय के समक्ष पेश कर सलाखों के पीछे भेज दिया है। पूर्व में भी ऐसे मामले प्रकाश में आते रहे हैं जो धर्म नगरी की छवि को ध्वस्त करने का काम करते हैं जरूरत है तो ऐसे मानसिक विकृत पाखंडीयों पर लगाम कसे जाने की, किंतु पुलिस के सामने यह बड़ी चुनौती है कि सभ्य समाज के बीच रह रहे ऐसे अवंछितों को कैसे चिन्हित किया जाए।

द्वारकेश बर्मन की रिपोर्ट

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH