भोपाल। जान्हवी कपूर और ईशान खट्टर की हिंदी फिल्म ‘धड़क’ (मराठी फिल्म -सैराट) की तर्ज पर एक दलित राजमिस्त्री राजकुमार अहिरवार की हत्या कर दी गई। इस क़त्ल के जुर्म में पुलिस ने राजकुमार के साले और उसके दोस्त को हिरासत में ले लिया है। दोनों ही आरोपी ककरदा गांव के निवासी हैं। 24 साल के अंकित सिंह (राजकुमार का साला) और 23 साल के भूपेंद्र सिंह (अंकित का दोस्त) को पंजाब पुलिस की टीम ने छतरपुर पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया।
पुलिस के मुताबिक, 2011 में राजकुमार ने अपने ही गांव की एक लड़की से शादी कर ली जिसका नाम दीपा बताया जा रहा है। दीपा के घरवाले ठाकुर हैं। दीपा और राजकुमार अपने-अपने परिवारों के डर से अपना पैतृक गांव छोड़कर दिल्ली चले गए और फिर लुधियाना में बस गए जहां राजकुमार ने राजमिस्त्री का काम शुरू कर दिया। अप्रैल 2019 में अंकित ने अपनी बहन का पता लगाया और और उससे फोन पर बातें करने लगा। उसने अपनी बहन से कहा कि उसकी इच्छा है कि रिश्ते पहले जैसे हो जाएं। भाई की चाल से बेखबर बहन ने उसे घर बुला लिया जहां अंकित और उसका दोस्त भूपेंद्र कुछ दिनों तक रुके। फिर उन्होंने लुधियाना के घंटाघर इलाके से एक चाकू खरीदा और अंकित ने अपने जीजा से उन्हें रेलवे स्टेशन चलने को कहा।
साले की साज़िश से अनजान जीजा बड़ी ख़ुशी से उन दोनों को स्टेशन छोड़ने जा रहा था कि तभी अंकित ने पीछे से उसका गाला काट दिया। राजकुमार उसी जगह धराशायी हो गया। फिर अंकित और उसके दोस्त भूपेंद्र ने उसे चाक़ू से कई बार गोद दिया ताकि इस बात की पुष्टि हो जाए कि वह मर गया है। अंकित ने राजकुमार के फ़ोन का इस्तेमाल करके अपनी बहन को इस बात की सूचना दी और कहा कि मैंने ठाकुरों की इज़्ज़त के लिए उसे मार दिया है।
मातगुवां के पुलिस स्टेशन प्रभारी उमेश यादव ने ने बताया, ‘राजकुमार और दीपा ने 2011 में शादी करने के बाद अपने गांव से भाग गए थे। उन्होंने लुधिआना में रहना शुरू कर दिया। अंकित अप्रैल 2019 को अपनी बहन दीपा के संपर्क में आया फिर उससे फोन पर बात करने लगा। 3 अप्रैल को उसने अपने जीजा का क़त्ल किया था। आईपीसी की धारा 302 के तहत साहनेवाल के पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज हुआ था कि अंकित अपनी बहन और उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी दे रहा था।