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5 जुलाई को पेश होगा बजट, जॉब क्रिएशन सरकार के लिए बड़ी चुनौती

नई दिल्ली। 5 जुलाई को आने वाले बजट से लोगों की काफी उम्मीदें जुडी हुई हैं। रोजगार को लेकर जनता की सरकार से मांगें हमेशा ही रही हैं जिसके चलते मोदी सरकार के लिए लोगों की उम्मीदों पर खड़ा उतर पाना काफी मुश्किल हो गया है। इन मांगों को लेकर सरकार के पास योजनाएं तो हैं लेकिन सरकार इन पर पूरी तरह से अमल नहीं कर पाई है। फिलहाल सरकार से इस बजट में रोजगार को लेकर ठोस कदम उठाने की मांग की जा रही है क्योंकि देश के ज्यादातर युवा बेरोज़गारी के श्राप को झेल रहे हैं। ऐसे में रोजगार के क्षेत्र में सरकार को ऐसी योजनाएं लानी होगी जिससे युवा बेरोज़गारी के श्राप से मुक्त हो सके।

सभी चुनौतियों में से सरकार के सामने जॉब क्रिएशन एक अहम चुनौती मानी जा रही है क्योंकि देश की तरक्की के लिए युवाओं का काम करना जरूरी है। वहीँ दूसरी तरफ मोदी सरकार कृषि सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, और रियल एस्टेट सेक्टर पर ख़ास ध्यान देगी क्यूंकि देश चलाने में इन सेक्टर की अहम भूमिका है। सरकार के लिए इन सेक्टर में जॉब क्रिएशन बेहद जरूरी होगा।

सरकार ने एक ऐसी स्कीम लाने का वादा किया है जिसके तहत एंटरप्रेन्योर्स को 50 लाख रुपये तक का कोलेट्रल फ्री क्रेडिट दिया जाएगा और इस लोन में से 50 फीसदी शर्तिया तौर पर महिला एंटरप्रेन्योर्स को और 25 फीसदी पुरुष इंटरप्रन्योर्स को दिया जाएगा। सरकार ने ‘सीड स्टार्ट अप फण्ड’ बनाने के साथ साथ 2024 तक 50,000 नए स्टार्ट अप तैयार करने की बात की है। इसके अलावा सरकार ने अपने घोषणापत्र में अगले 5 सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में 100 लाख करोड़ निवेश करने की बात कही थी जो जॉब क्रिएट करने में सरकार की मदद करेगा।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH