लखनऊ। सोमवार को लखनऊ से दिल्ली जा रही अवध डिपो की जनरथ एक्सप्रेस रोडवेज बस नाले में जा गिरी। बताया जा रहा है कि ड्राइवर कि आंख लग जाने कि वजह से ये हादसा हुआ। इस हादसे में 29 लोगों कि मौत हो गई है जबकि दर्जनों घायल हैं जिन्हे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीँ घटना के बाद बस हादसे को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आया है। बताया जा रहा है जिस रुट पर ये हादसा हुआ, ड्राइवर को इसकी जानकारी नहीं थी।गाजीपुर रूट की बस को आनंद विहार के लिए रवाना किया गया था। कहा जा रहा है कि बस गाजीपुर जाने वाली थी, लेकिन दिल्ली जाने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से अधिकारियों ने बस को आनंद विहार भेजने का फैसला लिया। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि रूट नया होने और रास्ते का ठीक से पता न होने की वजह से ड्राइवर से गलती हुई हो।
एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश परिवहन की अवध डिपो की बस रविवार रात आलमबाग बस स्टैंड से सवारियां लेकर दिल्ली के लिए निकली थी। लखनऊ एक्सप्रेस वे और इनर रिंग रोड होते हुए तड़के 3:30 बजे करीब बस यमुना एक्सप्रेस वे पर पहुंच गई, जिस पर करीब दो-तीन किलोमीटर चलते ही चालक को झपकी लग गई, जिससे बस अनियंत्रित होकर यमुना एक्सप्रेस वे से 50 फुट गहराई में झरना नाले में जाकर गिर पड़ी । हादसे के समय अधिकतर सवारियां सो रहीं थी। इसलिए किसी को चीखने का भी मौका ना मिला। वहीं पास स्थित गांव के एक व्यक्ति ने हादसे के समय धमाके जैसी जोर की आवाज सुनी तो उसने दौड़कर अन्य ग्रामीणों को बताया, जिसके बाद भारी संख्या में ग्रामीणों ने पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया।
उनके अनुसार, बस में से करीब 18 से 20 लोगों को निकालकर बाहर लेटाया गया। तब तक पुलिस पहुंच गई। इसके बाद इनको एंबुलेंस से अस्पताल भेजा। हादसे के लगभग दो घंटे बाद जेसीबी और क्रेन ने मौके पर पहुंच बस को सीधा किया जिससे बस में फंसे लोगों को निकाला गया, जिनकी सभी की मौत हो चुकी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही इस भीषण सड़क हादसे का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को भी राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को मौके पर जाकर घटना की समीक्षा करने और अस्पताल जाकर घायलों से बात करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि घायलों को समुचित इलाज मुहैया कराया जाए।