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मोदी ने लगाई मंत्रियों की क्लास, कहा मंत्रालयों में रिश्तेदारों को ना करें भर्ती

नई दिल्ली- देश में जब भाजपा सरकार आई और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बने तो उनका सबसे बढ़ा विरोध था देश में चल रहे परिवारवाद को लेकर था। देश की राजनीती हो अन्य सुविधाएँ हर जगह आमतौर पर परिवारवाद का ज़हर नज़र आ ही जाता है।

पर जब यह ज़हर देश की राजनीती और देश का विकास करने वाले मंत्रालयों में फैलता है तो देश की जड़ो को खोखला बना डालता है। इस लेकर पीएम मोदी ने हमेशा से ही अपना रुख बेहद सख्त रखा है, समय-समय पर वह अपने मंत्रीमंडल को यह बात समझाते रहते है कि लोग अपने मंत्रालयों में अपने परिवारवालों को शामिल ना करें।

तीनों देशों की यात्रा पूरी करके भारत लौटे पीएम मोदी ने पहले तो अपने दोस्त और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के घर जाकर उन्हें श्रध्दांजली अर्पित की और बुधवार को मंत्रामंडल के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होनें स्पष्ट तौर पर कहा कि वे ऐसे दावें करें जो स्थापित हो सकें और मंत्रालयों में सलाहकारों की भूमिका में अपने रिश्तेदारों को नियुक्त ना करें।

शासन के काम में रफ्तार लाने के लिए मोदी ने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के बीच बेहतर समन्वय होना चाहिए। आगे उन्होनें कहा कि मंत्रियों का संवाद केवल अपने मंत्रालयों के सचिवों जैसे शीर्ष अधिकारियों तक सीमित नहीं होनी चाहिए बल्कि क्रम में निचले स्तर के अधिकारियों जैसे संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों से भी होना चाहिए ताकि इन अधिकारियों को लगे कि वे भी टीम का हिस्सा हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH